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Sunday, May 5, 2024

अब त्रिशूल और वज्र से करेगी चीन का मुकाबला भारतीय सेना

लद्दाख के गलवान में वर्ष 2020 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर कांटेदार तार से लिपटे डंडों और बेसबॉल के बल्लों, लाठियों और पत्थरों से हमला किया था।

इस अचानक हुए और नए प्रकार के हमले में हमारे सैनिकों ने भी चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया लेकिन फिर भी 20 सैनिक शहीद हो गए थे। अब चीनी सैनिकों की इसी नीति का मुकाबला करने के लिए भारतीय सैनिक भगवान शिव के त्रिशूल, इंद्र देव के वज्र, सैपर पंच, दंड और भद्र से लैस हो रहे हैं।

नोएडा की कंपनी एपेस्टेरॉन प्राइवेट लिमिटेड ने पारंपरिक भारतीय हथियारों से प्रेरित होकर इन हथियारों को विकसित किया है। इनका इस्तेमाल कर दुश्मन को कुछ देर के लिए बेहोश या निष्क्रिय किया जा सकता है।

एपेस्टेरॉन के सीटीओ मोहित कुमार ने कहा कि गलवान में चीनी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों के विरुद्ध कंटीले तारों से लिपटे डंडों का उपयोग किए जाने के बाद सुरक्षा बलों ने हमें ऐसे हथियार विकसित करने के लिए कहा था।

मोहित ने बताया कि भगवान शिव के त्रिशूल को बहुत घातक हथियार माना जाता है। त्रिशूल को विकसित कर इसमें करंट प्रवाहित करने की क्षमता बढ़ाई गई है। वहीं वज्र एक मेटल की लाठी है, जिसमें चारों तरफ कांटे भी लगे हैं।

इसके अलावा इसमें प्रवाहित करंट दुश्मन को कुछ देर के लिए बेहोश कर सकता है। सैपर पंच मतलब बिजली का झटका देने वाला मुक्का है। यह वाटर प्रूफ है और माइनस 30 डिग्री के तापमान में भी काम कर सकता है।

 

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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