देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए गति शक्ति योजना लॉन्च की गई है। इस योजना के जरिए 16 मंत्रालय को डिजिटल मंच के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इस योजना के माध्यम से विभिन्न मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं की निगरानी भी की जाएगी। साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगी और लॉजिस्टिक्स पर आने वाले खर्च को कम करेगी। आइए जानते हैं, योजना के बारे में और रोजगार के कैसे बढ़ेंगे अवसर…
क्या है योजना
योजना का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश का सामान्य मानव, एक छोटा सा भी घर बनाता है, तो उसके लिए बकायदा प्लानिंग करता है कि बार-बार उसके पैसे बर्बाद न हो। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि देश में अभी रेलवे अपनी प्लानिंग कर रही है, रोड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट अपनी प्लानिंग कर रहा है, टेलीकॉम डिपार्टमेंट की अपनी प्लानिंग होती है, गैस नेटवर्क का काम अलग प्लानिंग से हो रहा है। ऐसे ही तमाम डिपार्टमेंट अलग-अलग प्लान करते हैं। अब अगर देखें तो पहले कहीं सड़क बनकर तैयार हो जाती है। और फिर पानी डिपार्टमेंट पानी की पाइप के लिए फिर खुदाई कर देता है। अक्सर मंत्रालयों के बीच तालमेल न होने से देश भर में ऐसा होते हुए देखा जाता है। इन परिस्थितियों को दूर करने में गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान मददगार साबित होगा।
योजना के उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य है कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के सभी मंत्रालयों और संस्थानों के बीच समन्वय के साथ काम होगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में समय कम लगेगा और संसाधनों की बर्बादी कम करने में मदद मिलेगी। यह योजना देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में भी कारगर साबित होगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से होलिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी नींव रखी जाएगी, जिससे कि रोजगार को गति मिलेगी। सरकार का उद्देश्य है कि लोकल मैन्युफैक्चरर्स को वर्ल्ड लेवल पर प्रतिस्पर्धी बनाया जाए, जिससे कि उद्योगों का विकास होगा। उद्योगों का विकास करने के लिए इस योजना के माध्यम से नए इकोनामिक जोन भी विकसित किए जाएंगे।
योजना का कुल बजट
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत एक वेबसाइट भी लॉन्च की गई है, जिसमे केंद्र सरकार की वर्ष 2024-25 तक की सभी बड़ी योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी होगी और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी, वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। गति शक्ति परियोजना व्यापकता, अनुकूलन, प्राथमिकता, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है। गति शक्ति योजना का कुल बजट 100 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है।
कैसे होगा काम
गति शक्ति योजना के अंतर्गत इंफ्रास्ट्रक्चर तथा कनेक्टिविटी से जुड़े मंत्रालयों को एक साथ लाया जाएगा। योजना के अंतर्गत ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम आधारित प्लानिंग, रूट प्लानिंग, मॉनिटरिंग और सैटेलाइट तस्वीरों जैसी टेक्नोलॉजी मंत्रालय को दी जाएगी। प्रत्येक मंत्रालय को लॉगिन आईडी दी जाएगी, जिससे कि वह अपना डाटा अपडेट कर सकेंगे। सभी डाटा को एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध करवाया जाएगा। उस प्लेटफार्म के माध्यम से प्रत्येक मंत्रालय एक दूसरे के काम पर नजर रख सकेंगे।
काम में आएगी तेजी, रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
देश में सन 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत बनाए जाने की योजना है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को 1600 मीट्रिक टन करने की योजना है, जो कि वर्तमान में 1200 मेट्रिक टन है। NHAI द्वारा संचालित किए जाने वाले हाईवे का देश में 1 लाख किमी का नेटवर्क है। इस नेटवर्क को 2024-25 तक बढ़ाकर 2 लाख किमी करने की योजना है। उत्तर प्रदेश एवं तमिलनाडु में 20 हजार करोड रुपए के निवेश से दो डिफेंस कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे कि देश में 1.7 लाख करोड़ रुपए के डिफेंस उपकरणों का उत्पादन हो सकेगा। जिसका बड़ा हिस्सा निर्यात भी किया जाएगा। गंगा नदी में 29 MMT की क्षमता का एवं अन्य नदियों में 95 MMT की क्षमता का दुलाई प्रोजेक्ट आरंभ करने की योजना। दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क 2024-25 तक बिछाने की योजना है।
सरकार ने गति शक्ति योजना के तहत 2024-25 तक कई योजनाओं को पूरा करने के लक्ष्य रखा है।