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Sunday, May 5, 2024

भारत से सटी सीमा में हवाई हमले बढ़ा रही म्यांमार सेना

म्यांमार की सेना सत्ता पर कब्जा करने के दो वर्ष बाद सशस्त्र प्रतिरोध का दमन करने की कोशिशों के तहत हवाई हमले बढ़ा रही है। मानवाधिकारों की निगरानी करने वाले एक समूह ने मंगलवार को बताया कि म्यांमार सेना द्वारा हवाई हमलों में हुई वृद्धि ने देश को एक लंबे गृह युद्ध में झोंक दिया है। हमलों के दौरान एक बम तिआऊ नदी पर गिरा जो भारत से सटी सीमा में है लेकिन इससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।

भारतीय सीमा में बम गिरने की खबर सबसे पहले स्थानीय लोगों के हवाले से ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने प्रकाशित की थी। बताया गया कि भारत-म्यांमार सीमा पर तिआऊ नदी पर गिरे हम से एक ट्रक को हल्की क्षति पहुंची थी। भारत के साथ मिजोरम की 1,624 किलोमीटर लंबी सीमा है। उधर, मंगलवार को गैर सरकारी संगठन ‘म्यांमार विटनेस’ और अन्य विशेषज्ञों ने बताया कि म्यांमार की सेना अपने सहयोगी देशों रूस और चीन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले लड़ाकू विमानों और युद्धक हेलीकॉप्टर पर निर्भर है। संगठन ने पिछले साल जुलाई से मध्य दिसंबर तक किए गए 135 हवाई हमले की घटनाओं से जुड़ी जानकारियों का संकलन किया है, जिसमें कहा गया है कि सितंबर से हवाई हमलों की संख्या में वृद्धि होने की प्रवृत्ति दर्ज की गई।

घरों, स्कूलों व उपासना स्थलों पर हमलेरिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार की सेना प्रतिरोध वाले इलाकों पर कब्जा कायम रखने में संघर्ष कर रही है, ऐसे में हवाई हमले उनके आक्रमण का एक मुख्य हिस्सा बन गए हैं। इसमें कहा गया है कि सेना म्यांमार के लोगों को एक खतरनाक स्थिति में डाल रही है। वह मकानों, स्कूलों और उपासना स्थलों को नष्ट कर रही है, जबकि ये स्थान नागरिकों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। भूमिगत संगठन ‘नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट’ के मुताबिक, हवाई हमलों में 460 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। तख्तापलट के बाद हजारों की मौतमानवाधिकार निगरानी समूह असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के मुताबिक, देश में सैन्य तख्तापलट के बाद 2,901 नागरिक मारे गए हैं। हालांकि, मृतकों की संख्या काफी अधिक होने की संभावना है क्योंकि संगठन दूरदराज के क्षेत्रों में और युद्धग्रस्त क्षेत्रों में हताहतों की संख्या को आसानी से सत्यापित नहीं कर सका है। जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों की प्रोफेसर क्रिस्टिना फिंक ने कहा, म्यांमार की सेना रूस और चीन से लड़ाकू विमान खरीद रही है।

संयुक्त राष्ट्र ने किया लोकतंत्र का समर्थनसंयुक्त राष्ट्र। म्यांमार की सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के दो साल बाद, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने इस देश के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं का समर्थन किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि नागरिकों और राजनीतिज्ञों पर कार्रवाई के बीच सेना द्वारा चुनाव कराए जाने की योजना से अस्थिरता बढ़ने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव ने म्यांमार में सभी तरह की हिंसा की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि हिंसा से हालात और भी खराब होते हैं। प्रवक्ता ने कहा, यूएन महासचिव म्यांमार के लोगों के साथ खड़े हैं और एक समावेशी, शांतिपूर्ण व न्यायपूर्ण समाज के लिए उनकी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं का समर्थन करते हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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