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Friday, April 26, 2024

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चार माह के दौरान 6112 शिक्षकों की नियुक्तियां हुई

उपराज्यपाल वीके सक्सेना की निगरानी में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चार माह के दौरान 6112 शिक्षकों की नियुक्तियां हुई हैं। मार्च तक 2200 और शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा। उपराज्यपाल को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) ने स्कूलों में 24,003 शिक्षकों की रिक्तियां होने की जानकारी दी थी। इसके बाद हुई तीन समीक्षा बैठकों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए दिए निर्देशों के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आई है।

चार माह के दौरान दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने अभूतपूर्व गति से काम किया। डीएसएसएसबी अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में नियुक्ति और इस दिशा में हो रही प्रगति की नियमित निगरानी के निर्देश दिए थे। इससे अतिथि शिक्षकों की संख्या में भी तीन हजार की कमी आई है। मंगलवार को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि दिल्ली सरकार में शिक्षकों के खाली पदों की संख्या 16 सितंबर को 24,003 से घटकर अब 17,891 रह गई है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के स्कूलों में प्राचार्य के खाली 543 रिक्त पद, 363 सीधी भर्ती सहित 180 पदों पर पदन्नति के लिए संघ लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है। इसके लिए जल्द ही साक्षात्कार होने की संभावना है। यूपीएससी के जरिये उपप्रधानाचार्य के 131 पदों पर सीधी नियुक्ति के लिए यूपीएससी को मांग पत्र भेजा गया है। प्राचार्य एवं उपप्राचार्य के पदों पर नियुक्तियां यूपीएससी की ओर से की जाती है। ‘शिक्षकों की कमी के कारण हालत फिलहाल खराब’अधिकारियों के मुताबिक, स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण हालत फिलहाल खराब हैं। सात वर्ष में दिल्ली सरकार ने शिक्षकों की नियमित भर्ती की मांग नहीं की थी। इसके बिना ही सरकार की सहूलियत के मुताबिक अतिथि शिक्षकों से भर्ती हो रही थी। इसमें नियुक्ति प्रक्रिया के लिए तय मानकों का भी पालन नहीं किया जा रहा था। दिल्ली के स्कूल 67% शिक्षकों के साथ चल रहे हैं। 84% स्कूलों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं, जबकि उप प्रधानाध्यापकों के भी 34% पद खाली हैं। प्राचार्यों के स्वीकृत 950 में से 848 पद खाली पड़े हैं जबकि उप प्राचार्यों के स्वीकृत 1670 पदों में से 627 पद अभी नियुक्तियां होंगी। हालांकि, एलजी खाली पदों पर नियमित भर्ती पर जोर दे रहे हैं। विभागों ने इसे गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज कर दी है।सरकारी स्कूलों में 10वीं में छात्रों की संख्या हो रही कम : बिधूड़ीविधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मंगलवार को कहा कि सरकारी स्कूलों में नौवीं से पास होकर छात्रों के आगे दाखिला नहीं लेने के मामले में एक बड़े घपले की आशंका पैदा हो रही है। उन्होंने हजारों छात्रों के 10वीं में प्रवेश नहीं लेने के मामले में सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने नौवीं में बड़ी संख्या में छात्रों के फेल होने के पीछे के कारण भी पूछे हैं।

बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से एक आरटीआई के जवाब में दिए गए आंकड़े काफी चौकाने वाले हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार हजारों छात्र 10वीं में पास होने के बावजूद आगे पढ़ाई जारी नहीं रख रहे। वर्ष 2018-19 में सरकारी स्कूलों में नौवीं कक्षा में 2,67,617 छात्र रिकॉर्ड में थे, लेकिन उनमें से 76,523 को फेल कर दिया गया। इसके बाद 1,53,938 छात्रों ने आगे की पढ़ाई जारी रखी, जबकि 37 हजार से ज्यादा छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी। अगर कोई छात्र फेल होता है और वह पढ़ाई छोड़ता तो समझ में आता है, लेकिन पास होने के बाद भी छात्र पढ़ाई छोड़ रहे हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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