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Monday, May 6, 2024

चिराग पासवान ने अपने चाचा के बयान पर कहा- हाजीपुर मेरे पिता का गढ़ है, और …

देश की राजनीति के लिए कल यानी मंगलवार का दिन काफी अहम था। एक तरफ जहां पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे को अपनी ताकतों का अहसास कराया तो वही दूसरी ओर दो लोगों के बीच की दूरियां कम होती दिखाई दीं। दरअसल, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में अन्य दलों के साथ लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के दोनों ही धड़े यानी चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस शामिल हुए थे। बैठक के दौरान जब चिराग पासवान ने चाचा पारस को देखा तो तुरंत उनके पैर छू लिए। वहीं, चाचा ने भी अपने भतीजे को गले लगा लिया। यह दृश्य देख रहे सभी नेताओं के चेहरे पर भी खुशी दिखाई। 

रामविलास पासवान के निधन के बाद से रार
बता दें, रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही चाचा और भतीजे में पार्टी को लेकर रार शुरू हो गई थी। पशुपति पारस पहले ही साफ कह चुके हैं कि वह भतीजे चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की पार्टी के साथ लोक जनशक्ति पार्टी का विलय नहीं करेंगे। हालांकि, चिराग ने पैर ऐसे समय छुए हैं, जब दोनों ही नेता हाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही पशुपति ने कहा था कि चिराग का हाजिपुर में कोई अस्तित्व नहीं है, पता नहीं वह वहां क्यों अपना समय खराब कर रहे हैं। ऐसे में, अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों नेताओं के बीच सुलह हो जाएगी।

पीएम मोदी ने भी लगाया गले
गौरतलब है, बेंगलुरु में कल विपक्ष ने बैठक कर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का एजेंडा तय किया तो दूसरी तरफ 39 दलों के साथ एनडीए ने भी विपक्ष को टक्कर देने का संदेश दिया। इस बीच, चिराग पासवान ने चाचा का ही दिल नहीं जीता बल्कि पीएम मोदी ने भी उन्हें गले लगाया। इसका वीडियो चिराग ने खुद ट्वीटर पर शेयर किया है। 

इस स्नेह और सम्मान के लिए आपका आभार आदरणीय प्रधानमंत्री जी।@narendramodi pic.twitter.com/gBKKORxxeW

— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 18, 2023

हाजीपुर सीट को लेकर लड़ाई
हालांकि, चिराग पासवान ने मंगलवार को हाजीपुर पर अपना दावा जताया। साथ ही अपने चाचा के बयान पर कहा कि हाजीपुर मेरे पिता राम विलास पासवान का गढ़ है और जिम्मेदारी संभालना मेरा कर्तव्य है। इस पर चिराग पासवान पर पलटवार करते हुए पशुपति पारस ने भी इस सीट पर अपना दावा किया। इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के मंत्री पारस अपने भतीजे पर कई तंज कस चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाया था कि ऐसा क्या था कि जब आपके पिता जीवित थे, तो आपको जमुई से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, हाजीपुर से नहीं। 

सुलह के संकेत
बता दें, एनडीए की बैठक शुरू होने से पहले पारस के नेतृत्व वाले गुट ने कहा था कि एनडीए में चिराग पासवान के प्रवेश का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन वे उनका स्वागत भी नहीं करेंगे। हालांकि, अब पासवान ने सुलह पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि वे दोनों अब एनडीए का हिस्सा हैं और उन्हें अब आगामी चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

पासवान ने मांगी इतनी सीटें
सूत्रों के अनुसार, पासवान ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ बातचीत के दौरान अपनी पार्टी के लिए छह लोकसभा और एक राज्यसभा सीट की मांग की थी। यह ज्ञात नहीं है कि उनका अनुरोध स्वीकार किया गया था या नहीं। वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपने चाचा के साथ सुलह की संभावना के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि पशुपति पारस उनके लिए पिता की तरह हैं, लेकिन उन्होंने पारस की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे मुझे दुख हुआ। 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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