राधिका खेड़ा ने इस्तीफा देने के बाद आज रविवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि मैं अयोध्या धाम दर्शन करने गई थी। रामलला का दर्शन करने पर विरोध इस कदर से होगा, मैंने कभी नहीं सोचा था। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ अभद्रता हुई। वहां पर धक्कामुक्ति की गई। मुझे कमरे में बंद किया गया, लेकिन मेरे साथ न्याय नहीं किया गया। मैं चीखती-चिल्लाती रही। गुहार लगाती रही। छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के कांग्रेस नेताओं तक गुहार लगाती रही पर मुझे न्याय नहीं मिला। सिर्फ और सिर्फ इसलिए नहीं मिला क्योंकि मैं रामलला मंदिर होकर आई थी। रामलला के दर्शन करके गई थी और मैं अपने आप को इससे रोक नहीं पाई। जिस दिन मेैं रामलला के दर्शन करके आई, मुझे निरंतर विरोध विरोध का सामना करना पड़ा और वह विरोध मुझे न्याय के हक से दूर करेगा। मेरे साथ इस तरह से व्यवहार और बर्ताव किया जाएगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था।
राधिका खेड़ा और प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बीच एक मई को विवाद हुआ है। 30 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की जांजगीर-चांपा जिले में चुनावी सभा हुई थी। सभा के बाद मीडिया में बयान देने को लेकर विवाद हुआ था। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में राधिका खेड़ा प्रदेश के स्थानीय नेता और प्रवक्ताओं के साथ थीं।