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Sunday, April 28, 2024

केजरीवाल के लिये एक ही लाइन रस्सी जल जाए मगर ऐठन नहीं जाये ।

सीएम केजरीवाल ने कोर्ट में रखा अपना पक्ष, ईडी के फर्जी केस को किया ध्वस्त- आतिशी

मात्र सात मिनट में ही केजरीवाल ने कोर्ट के सामने रख दिया कि कैसे ईडी का केस निराधार और बेबुनियाद है; ईडी ने बिना कारण एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार किया- आतिशी

सीएम ने कहा- दो साल से चल रहे इस केस में न तो किसी कोर्ट ने मुझे दोषी करार दिया, ना ही मेरे ऊपर कोई मुकदमा चला, न मेरे ऊपर कोई आरोप तय हुआ और न मेरे ऊपर कोई आरोप लगे हैं- आतिशी

सीएम ने कहा- रेड के 5 महीने के बाद मगुंटा रेड्डी के बेटे को गिरफ़्तार कर लिया गया, फिर भी वह अपने स्टेटमेंट पर कायम रहे; पर जब 5 महीने तक उनका बेटा गिरफ्तार रहता है तो वो टूट गए औरअपना स्टेटमेंट बदल लेते हैं-आतिशी

सीएम ने कहा- राघव मगुंटा के 7 बयान हुए जिसमें वह 6 में मेरे खिलाफ नहीं बोलते और सातवें में जैसे ही वह मेरे खिलाफ बोलते हैं उसके बाद उनका कोई बयान नहीं होता-आतिशी

सीएम ने कहा-सरथ रेड्डी के भी 9 बयान दर्ज किए जाते हैं जिसमें वह मेरे खिलाफ नहीं बोलता है, 6 महीने गिरफ्तार रहने के बाद 25 अप्रैल को वह टूट जाता है और बयान बदल देता है-आतिशी

सीएम ने कहा- असली शराब घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ, इसका पहला मक़सद ‘आप’ को क्रश करना और दूसरा मक़सद एक्सटॉर्शन रैकेट चलाकर पैसे इकट्ठा करना है-आतिशी

सीएम ने कहा-शरद रेड्डी ने गिरफ्तार होने के बाद उसने 55 करोड़ का चंदा भाजपा को दिया, भाजपा के अकाउंट में यह पैसा सीधे तौर पर गया, इससे मनी ट्रेल भी साबित हो गया-आतिशी

अरविंद केजरीवाल को सिर्फ़ 4 ऐसे बयान के आधार पर गिरफ़्तार किया गया है, जिन बयानों का कोई आधार नहीं है-आतिशी

इन बयानों को देने से पहले उन व्यक्तियों ने कई बार कहा कि हम अरविंद केजरीवाल को नहीं जानते, हम उनसे नहीं मिले, लेकिन महीनों तक जेल में रहने के बाद उनके बयान पलट जाते है-आतिशी

आज अरविंद केजरीवाल ने अपना बयान कोर्ट में रख कर पूरे देश के सामने ये साबित कर दिया कि ईडी का असली मतलब एक्सटॉरशन डायरेक्टोरेट है-आतिशी

ईडी का प्रयोग उगाही करने के लिए किया जाता है और असली शराब घोटाला ईडी की जाँच के बाद शुरू हुआ, जब तथाकथित शराब घोटाले की जाँच के माध्यम से पैसे की उगाही की गई-आतिशी

ईडी का मकसद केवल और केवल मुझे फँसाना था*

सेक्शन 50 के तीन स्टेटमेंट हैं। तीनों बराबर हैं। उनमें से एक एक स्टेटमेंट को तवज्जो क्यों दी गई? क्या जांच की गई है कि इनमें से एक सही है और बाकी दो गलत हैं? जो 25000 पेज ईडी ने फाइल किए हैं उन 25000 में जो केजरीवाल के खिलाफ वाला स्टेटमेंट है सिर्फ उसको लगाया गया है। बाकी दोनों स्टेटमेंट्स दबा दिए गए हैं। आखिर ऐसा क्यों, यह तो गलत है? कोर्ट के सामने तीनों स्टेटमेंट लाने चाहिए थे ताकि कोर्ट डिसाइड करे कि सच्चाई क्या है?

तीसरा स्टेटमेंट है उनके बेटे का। राघव मगुंटा से 16 सितंबर को उसके घर पर रेड होती है और बयान लिया जाता है। 10 फरवरी को उसको गिरफ्तार किया जाता है। उसके बाद उसके पांच बयान लिए जाते हैं। उसमें वह यही बोलता है जो पहले बोला है। 5 महीने तक वह जेल में रहता है। उसके बाद 16 जुलाई को जब पिताजी बयान बदलते हैं तो 18 जुलाई को उनको छोड़ दिया जाता है।

उनके 7 बयान हुए जिसमें वह 6 में मेरे खिलाफ नहीं बोलते हैं और सातवें में जैसे ही वह मेरे खिलाफ बोलते हैं उसके बाद उनका कोई स्टेटमेंट नहीं होता। उनको जेल से छोड़ दिया जाता है। उनको माफीनामा दे दिया जाता है। यह जो 6 स्टेटमेंट है यह रिकॉर्ड में नहीं लगाए जाते।

चौथा है शरद रेड्डी। शरद रेड्डी के केस में 16 सितंबर में उसके यहां रेड हुई। उसने मेरे खिलाफ कुछ नहीं बोला। 9 नवंबर को उसने मेरे खिलाफ कुछ नहीं बोला। 10 नवंबर को उसकी गिरफ्तारी हुई, उसके बाद उसके 9 बयान दर्ज किए जाते हैं जिसमें वह मेरे खिलाफ नहीं बोलता। उसके बाद 6 महीने गिरफ्तार रहने के बाद 25 अप्रैल को वह टूट जाता है और वह केवल इतना कहता है कि मैं विजय नायर के साथ सीएम साहब के पास गया था। सीएम साहब जल्दी में थे तो सीएम साहब ने कहा कि विजय के टच में रहो, विजय अच्छा लड़का है।

मैं केवल यह जानना चाहता हूं क्या यह चार स्टेटमेंट एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त हैं?

नंबर दो नंबर दो जो 30000 पेज फाइल किए गए हैं। यह 30000 पेज के अलावा एक लाख पेज ईडी के दफ्तर में पड़े हुए हैं, जो हमारी बेगुनाही के सबूत हैं, उनको कोर्ट के सामने नहीं लाया गया।

शराब घोटाले का पैसा आखिर कहां है? आरोप लगाया जा रहा है कि 100 करोड रुपए किसी साउथ लॉबी ने शराब की पॉलिसी बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को दिए। यह जस्टिस संजीव खन्ना का आर्डर है, पेज 22 के पैराग्राफ 12 में कहा गया है कि 100 करोड रुपए रिश्वत का मामला डिबेट के लायक है। इसका मतलब ये रिश्वत का मामला संदेह है। उसके सबूत ही नहीं है।

असली शराब घोटाला शुरू होता है ईडी की जांच के बाद। जब ईडी की जांच शुरू होती है। ईडी की जांच के दो मकसद थे। पहला मकसद आम आदमी पार्टी को क्रश करना। आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचारी साबित करना। खुद फैलाना कि आम आदमी पार्टी ने शराब घोटाला किया है। ईडी का दूसरा मकसद था उसके पीछे एक्सटॉर्शन रैकेट चलाना जिसके जरिए वह पैसे इकट्ठा कर रहे हैं।

शरद रेड्डी के केस में शरद रेड्डी को जमानत दो कारण से मिली। सबसे पहले शरद रेड्डी ने मेरे खिलाफ बयान दिया और शरद रेड्डी ने गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड रुपए का चंदा भाजपा को दिया। गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड रुपए के बॉन्ड शरद रेड्डी ने खरीदे और उसके बाद उसे जमानत मिल गई। इससे मनी ट्रेल साबित हो जाता है।

गिरफ्तार होने के बाद उसने 55 करोड़ का चंदा भाजपा को दिया। भाजपा के अकाउंट में यह पैसा सीधे तौर पर गया। इससे मनी ट्रेल साबित हो गया। यही पूरी जांच का मकसद था कि एक तरफ आम आदमी पार्टी को क्रश करना। एक स्मॉग स्क्रीन क्रिएट करना और पीछे से एक्सटोर्शन करना।

आप नेता आतिशी ने कहा कि, ये बयान साफ़-साफ़ साबित कर देता है कि, अरविंद केजरीवाल जी को सिर्फ़ 4 ऐसे बयान के आधार पर गिरफ़्तार किया गया है, जिन बयानों का कोई आधार नहीं है। जिन बयानों को देने से पहले उन व्यक्तियों ने कई बार कहा कि हम अरविंद केजरीवाल को नहीं जानते, हम उनसे नहीं मिले। लेकिन महीनों तक जेल में रहने के बाद उनके बयान पलट जाते है।

तो आज अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने अपना बयान रख कर ईडी के सारे केस को ध्वस्त कर दिया। आज अरविंद केजरीवाल जी ने अपना बयान सामने रख कर पूरे देश के सामने ये साबित कर दिया कि ईडी का असली मतलब एक्सटॉरशन डायरेक्टोरेट है। ईडी का प्रयोग उगाही करने के लिए किया जाता है और असली शराब घोटाला ईडी की जाँच के बाद शुरू हुआ जब इस शराब घोटाले की जाँच के माध्यम से शराब कारोबारियों से पैसों की उगाही की गई।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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