नई दिल्ली, 3 मई 2025, शनिवार: शुक्रवार की रात, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक ऐतिहासिक पल गूंज उठा। सऊदी एयरलाइंस की हज उड़ान संख्या एस.वी-3085 ने रात 8 बजे 51 साहसी महिलाओं को बिना महरम हज की पवित्र यात्रा के लिए मदीना रवाना किया। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक उत्साह की कहानी है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण और समावेशी भारत की एक प्रेरक मिसाल भी है।

टर्मिनल-3 पर दिल्ली स्टेट हज कमेटी की चेयरपर्सन कौसर जहां, कार्यकारी अधिकारी अशफाक अहमद आरफी, डिप्टी कार्यकारी अधिकारी मोहसिन अली और अन्य स्टाफ ने इन महिलाओं का गर्मजोशी से स्वागत किया। फूलों की मालाएं पहनाकर और दुआओं के साथ उन्हें इस पवित्र सफर के लिए विदा किया गया। यह दृश्य हर किसी के लिए भावुक और गर्व का क्षण था।

कौसर जहां ने इस मौके पर मीडिया से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की यह पहल समाज के हर वर्ग, खासकर महिलाओं के लिए नई राहें खोल रही है। बिना महरम हज यात्रा की सुविधा नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।” उनकी बातों में गर्व और उम्मीद की चमक साफ झलक रही थी।
कौन हैं ये 51 साहसी महिलाएं?
इन 51 महिलाओं में 20 दिल्ली की, 22 उत्तर प्रदेश की, 2 बिहार की, 4 जम्मू-कश्मीर की, 1 पंजाब की और 2 उत्तराखंड की हैं। ये महिलाएं न केवल अपने विश्वास और हौसले का परचम लहरा रही हैं, बल्कि यह भी साबित कर रही हैं कि आस्था का रास्ता लैंगिक बाधाओं से परे है।

30 अप्रैल से शुरू हुई हज उड़ानों की श्रृंखला में यह चौथी उड़ान थी। अब तक दिल्ली से 1646 हज यात्री मदीना के लिए रवाना हो चुके हैं, जिनमें 839 पुरुष और 807 महिलाएं शामिल हैं। यह आंकड़ा इस बात का सबूत है कि हज यात्रा में महिलाओं की भागीदारी अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो रही है।

आगे का सफर
दिल्ली से हज उड़ानों का सिलसिला 30 मई तक जारी रहेगा। कुल 38 उड़ानों में से 15 मई तक 16 उड़ानें मदीना मुनव्वरा के लिए होंगी, जबकि 16 मई से 30 मई तक 22 उड़ानें मक्का मुक्करमा के लिए जेद्दा रवाना होंगी। यह व्यवस्थित और सुनियोजित प्रक्रिया हज यात्रियों के लिए सुविधा और सम्मान का प्रतीक है।