वाराणसी, 9 मई 2025, शुक्रवार। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के द्रव्यगुण विभाग में चंदन के कीमती पेड़ों की अवैध कटाई का मामला अब तूल पकड़ चुका है। वन विभाग ने अपनी जांच में इस कटाई की पुष्टि की है, जिसके बाद शिकायतकर्ता अनीशा चटर्जी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। अनीशा ने चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है, साथ ही विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
पुराना है चंदन चोरी का इतिहास
अनीशा के अनुसार, यह कोई पहला मामला नहीं है। साल 2018 में भी बीएचयू परिसर से चंदन के पेड़ काटे गए थे, जिन्हें बिना गेट पास के बाहर ले जाया गया। इस बार भी पेड़ों की चोरी ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। सवाल यह है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद कीमती पेड़ कैसे गायब हो गए?
चीफ प्रॉक्टर पर क्यों उठ रहे सवाल?
अनीशा का आरोप है कि चीफ प्रॉक्टर की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने FIR में जानबूझकर पेड़ों को दुर्लभ प्रजाति बताकर मामले को हल्का करने की कोशिश की, ताकि चंदन की वास्तविक कीमत और मात्रा का खुलासा न हो। अनीशा ने लंका पुलिस की कार्यशैली पर भी नाराजगी जताई, क्योंकि FIR में चीफ प्रॉक्टर का नाम शामिल नहीं किया गया।
सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी
इस घटना ने बीएचयू की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। अनीशा का कहना है कि चोरी के बाद न तो पेड़ों की बरामदगी के लिए कोई ठोस कदम उठाया गया और न ही दोषियों को पकड़ने की कोशिश की गई। अब इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग तेज हो रही है।
क्या होगा अगला कदम?
चंदन के पेड़ों की चोरी का यह मामला अब न केवल बीएचयू, बल्कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुका है। अनीशा चटर्जी की शिकायत के बाद सबकी निगाहें मुख्यमंत्री कार्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन पर टिकी हैं। क्या इस मामले में जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी, या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? यह समय ही बताएगा।
यह घटना न केवल पर्यावरणीय नुकसान की ओर इशारा करती है, बल्कि विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है।