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Saturday, April 27, 2024

संदेशखाली फाइल्स : बंगाल का लोकतंत्र कोमा में !

संदेशखाली की पीड़िताओं की आवाज बनी नारी शक्ति संगम।

बुधवार 13 मार्च को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में दिल्ली की नारी शक्ति संगम ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना पर एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट साझा की । जिसमें बंगाल में महिलाओं की बदहाली पर वितरित जानकारी घटनास्थल पर फैक्ट फाइंडिंग कमिटी द्वारा की हुई बात -चीत के हवाले से दी गई थी । संदेशखाली फाइल्स: बंगाल का लोकतंत्र कोमा में शीर्षक वाला कार्यक्रम में मीडिया के सामने इस रिपोर्ट को जानी मानी वकील और समाजसेवीका मोनिका अरोड़ा , झारखंड पुलिस की पूर्व महानिदेशक निर्मल कौर और एनएचआरसी के पूर्व सदस्य और भारत के सुप्रीम कोर्ट के वकील ओपी व्यास ने रखा ।

झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने 13 मार्च 2024 को दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पेशेवर महिलाओं के समूह नारी शक्ति संगम द्वारा आयोजित एकजुटता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की महिलाओं के लिए स्पष्टता और दृढ़ता से बात की और कहा कि संदेशखाली की घटनाएँ, उसके बाद मीडिया एवं आम जन की आवाज को दबाया जाना यह साबित करता है कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं का एक वर्ग हाशिए पर रह रहा है ।जो वहां अकल्पनीय भयावहता के साथ जीवन जी रही है और लोकतांत्रिक बहाली की किसी भी उम्मीद के बिना, सत्तारूढ़ दल और उसके कैडर के हाथों व्यवस्थित यौन शोषण का शिकार हो रही है। पश्चिम बंगाल में महिलाओं के लिए बुनियादी मानवाधिकार तक मौजूद नही हैं।”

पूर्व पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे संदेशखाली और उसके आसपास के गांवों जैसे झुपखाली की महिलाएं और अन्य लोग अब शेख शाहजहां, तृणमूल कांग्रेस नेता और उनके रिश्तेदारों और पार्टी कैडर के व्यवस्थित बलात्कार और आर्थिक शोषण के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने बताया कि कैसे पश्चिम बंगाल में सरकार ने सबसे कमजोर और सबसे सीमांत महिलाओं को बलात्कार और उत्पीड़न के लिए चुना जहां व्यवस्थित रूप से महिलाओं के अधिकारों और बुनियादी मानवाधिकारों की लगातार हत्या की जा रही है। उन्होंने इस बारे में बताया कि कैसे सत्तारूढ़ दल द्वारा बलात्कार की शिकार महिलाओं को भाजपा पार्टी के समर्थकों के रूप में चित्रित करके इस व्यवस्थित हिंसा को वैध बताया जाता रहा । मोनिका अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा का केंद्र अपराध होना चाहिए न कि पीड़ितों की राजनीतिक पहचान। उन्होंने दिल्ली की महिलाओं से पश्चिम बंगाल की अपनी दुर्भाग्यपूर्ण बहनों के लिए आवाज उठाने की अपील की ।

कार्यक्रम में अपने वक्तव्य के दौरान एनएचआरसी के पूर्व सदस्य और भारत के सुप्रीम कोर्ट के वकील ओपी व्यास ने बंगाल दौरे और संदेशखाली की महिलाओं से मिलने के अपने अनुभव को साझा किया । उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस गांव और आसपास के इलाकों की महिलाएं शेख शाहजहां के आतंक के तहत जी रही हैं, जिन्होंने न केवल इन महिलाओं को यौन शोषण का शिकार बनाया जा रहा है । यही नहीं संदेशखली में सबसे कमजोर लोगों की जमीनें छीनकर व्यवस्थित रूप से अपनी संपत्ति और शक्ति भी बनाई जा रही है।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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