पूर्व केंद्रीय मंत्री व समाजवादी नेता शरद यादव का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। शरद यादव का पैतृक गांव अंखमऊ है, जो मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित है। शरद यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली में रखा गया। जहां तमाम राजनीतिक दिग्गजों और शरद यादव के चाहने वालों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आज उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली से मध्यप्रदेश ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
बता दें कि आरजेडी नेता शरद यादव का 75 साल की उम्र में लंबी समय से बीमारी के कारण गुरुवार को निधन हो गया। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। सभी नेता अपने-अपने तरीके से शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सीएम नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और लालू यादव समेत तमाम दिग्गजों ने शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया। वहीं, पूर्णिया से सांसद संतोष कुशवाहा ने भी शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
मकर संक्रांति के भोज को किया गया रद्द…वहीं, उनके निधन से सभी पार्टियों में भी शोक की लहर है। आरजेडी, जेडीयू के अलावे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने भी मकर संक्रांति के भोज को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद यादव के निधन को एक बड़ी क्षति बताया था। हालांकि, वो दिल्ली अंतिम दर्शन के लिए नहीं गए थे। वहीं, सिंगापुर में अपना इलाज करवा रहे हैं। आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव ने भी आधी रात को ही शोक संदेश जारी किया था। आज मध्यप्रदेश में उनके पैतृक गांव में कई राजनीतिक दलों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बताते चलें कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने सात बार लोकसभा चुनाव जीता। शरद यादव चार बार राज्यसभा सांसद भी रहे और प्रधानमंत्री वीपी सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में भी महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। जबलपुर के अलावा शरद यादव ने उत्तर प्रदेश के बदायूं और बिहार के मधेपुरा से लोकसभा के चुनाव जीते, जो किसी भी राजनेता के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि थी। शरद यादव को उन प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने मंडल आयोग को लागू करवाने में एक बड़ी भूमिका निभाई थी।