भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और अनियमितताओं का आरोप लगाकर धरने पर बैठने वाले आठ नामी पहलवानों का जगरेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में खेलना अधर में लटक गया है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्लूडब्लू) का यह रैंकिंग टूर्नामेंट एक फरवरी से जगरेब (क्रोएशिया) में शुरू होना है, जिसके लिए 37 सदस्यीय मजबूत टीम घोषित की गई है। पहलवानों के आरोप के बाद कुश्ती संघ में मचे घमासान के बाद कुश्ती टीम का इस टूर्नामेंट में खेलना तय नहीं है।
महिलाओं का शिविर बंद, धरने पर बैठे पहलवानों की तैयारी नहींइस टूर्नामेंट के लिए पुरुष फ्रीस्टाइल और महिला टीम में रवि कुमार (61), बजरंग (65), जितेंदर कुमार (79), दीपक पूनिया (92), विनेश फोगाट (53), अंशु मलिक (57), सरिता (59), संगीता फोगाट (62) ऐसे पहलवान हैं जो कुश्ती संघ के खिलाफ धरने पर बैठे थे। महिला पहलवानों का लखनऊ का राष्ट्रीय शिविर पहले ही बंद कर दिया गया था। सोनीपत में पुरुषों का शिविर चल रहा है, लेकिन धरने पर बैठने वाले पहलवान इसमें शामिल नहीं हुए हैं।
नहीं लगा है अब तक वीजाकुश्ती संघ के खिलाफ 18 जनवरी को जब पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना दिया तो उसकी ओर से इस टूर्नामेंट के लिए पहलवानों का वीजा लगाने की कोशिशें चल रही थीं। धरने केबाद कुश्ती संघ के दफ्तर पर ताला लग गया, जिसके चलते टीम के किसी भी सदस्य का क्रोएशिया का वीजा नहीं लग पाया है। धरने के बाद टूर्नामेंट के लिए पहलवानों की तैयारियां भी नहीं हो पाई हैं। टीम को जगरेब के लिए 29 जनवरी को रवाना होना था और 31 जनवरी को ड्रॉ के लिए हाजिरी लगानी थी।
ओलंपिक क्वालिफायर के लिए महत्वपूर्ण है टूर्नामेंटपेरिस ओलंपिक के लिए यह टूर्नामेंट महत्वपूर्ण है। यह ओलंपिक क्वालिफाइंग वर्ष है। यूडब्लूडब्लू ने इस साल चार रैंकिंग टूर्नामेंट रखे हैं। इस टूर्नामेंट दिखाए गए प्रदर्शन के आधार पर पहलवानों को वरीयता क्रम मिलता है। ऊंचे वरीय पहलवान को ओलंपिक क्वालिफायर में निचले वरीय पहलवान के साथ खेलने का फायदा मिलता है। यही कारण है कि इस टूर्नामेंट में सभी नामी पहलवानों ने खेलने को हामी भरी थी, लेकिन धरने के बाद उत्पन्न हुई स्थितियों से इस टूर्नामेंट में टीम का खेलना संभव नहीं लग रहा है।
निरीक्षण समिति के लिए टीम भेजना होगा मुश्किलखेल मंत्रालय की ओर से कुश्ती संघ में बिठाई गई पांच सदस्यीय समिति इस टूर्नामेंट में टीम भेजने की कोशिश कर सकती है, लेकिन पहलवानों के तैयारी में नहीं होने के कारण भी टीम भेजना मुश्किल होगा।