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Monday, May 6, 2024

योद्धा योगी का कर्मयोग: चुनावी समर में कमजोर नहीं कोरोना से लड़ाई*

*ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं सीएम योगी, जारी है जिलों का दौरा, हर दिन की हालत पर है सीधी नजर*

 

*प्रयागराज और गोरखपुर के मेलों के सकुशल आयोजन ने फिर दिखाया यूपी का दम*

 

*सीमित संसाधनों से कोविड मैनेजमेंट में योगी सरकार का बड़ा कमाल, यूपी के कोविड प्रबंधन की दुनिया कायल*

 

*यूपी में 14 हजार नए केस तो रिकॉर्ड 20 हजार हुए स्वस्थ*

 

*लखनऊ, 18 जनवरी:* चुनावी दौर में, जबकि नेताओं के बीच मतदाता, वोटिंग, जनसभा जैसे विषयों की व्यस्तता होती है, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना से लड़ाई के मोर्चे पर डटे हुए हैं। किस जिले में टीकाकरण की रफ्तार कम है, कहाँ ऑक्सीजन प्लांट के कर्मचारी कोविड पॉजिटिव हो गए, तो निगरानी समितियों ने दिन भर क्या काम किया, सीएम योगी को हर जानकारी है। हर जिले पर उनकी सीधी नजर है। हर आम-ओ-खास चुनाव का लुत्फ उठाये, इस उद्देश्य से उन्होंने मतदान से पहले सबको कोविड टीकाकवर दिलाने का लक्ष्य भी रखा है। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि चुनावी समर के बीच कोरोना के खिलाफ लड़ाई कतई कमजोर नहीं होने पाएगी। प्रतिबद्धता का शायद यही भाव है कि कोरोना की अब तक की लड़ाई में यूपी सुरक्षित रहा है और योगी के कोविड प्रबंधन मॉडल की दुनिया कायल हो रही है।

 

विशेषज्ञों की मानें तो इन दिनों कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर आ रही है। ऐसे मौके पर सीएम योगी खुद ग्राउंड जीरो पर हैं और कोविड प्रबंधन की कमान खुद संभाल रखी है। चुनावी गहमागहमी के बावजूद गोरखपुर हो, या गजियाबाद सीएम योगी का जिलों का निरीक्षण जारी है। फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर से बातचीत, इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का निरीक्षण, टेलीकन्सल्टेशन सुविधा की पड़ताल, मेडिकल किट वितरण की स्थिति का परीक्षण, होम आइसोलेशन में मरीजों का हाल-चाल लेना, उनकी दिनचर्या में शामिल हो चला है। बीते 24 मार्च 2020 से शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरा हो, जबकि सीएम योगी ने कोविड की समीक्षा न की हो। वह लखनऊ में हों याकि गोरखपुर में या फिर पार्टी के कामकाज से दिल्ली, कोरोना प्रबंधन के कार्यों की अपडेट लेते रहते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का एक दल सीधा सीएम के संपर्क में रहता है।

 

अब जबकि सभी राज्यों में ओमिक्रोन संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं, मंगलवार को उत्तर प्रदेश से एक अच्छी खबर आई। विगत 24 घंटों में 02 लाख 08 हजार 308 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 14,803 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए। इसी अवधि में 20,191 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। नए केस और डिस्चार्ज होने वालों में इतना अंतर प्रदेश की बेहतर हालात का संकेतक है। यही नहीं, कोरोना के अब तक पिछले रिकॉर्ड को देखें तो बीते साल एक दिन में अधिकतम 38 हजार नए केस दर्ज किए गए थे। वहीं इस बार की लहर में अब तक एक दिन में अधिकतम 17 हजार केस आए हैं। ओमिक्रोन की तीव्रता और पॉजिटिविटी दर को देखें तो स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। इस बीच सीएम योगी ने हर जिले में कम से कम एक बड़ा अस्पताल डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में आरक्षित करने के भी निर्देश दिए हैं।

 

बीते साल को याद करें जबकि अप्रैल-मई के दौरान एक ऐसा समय भी आया जब यूपी में प्रतिदिन 30,000 से अधिक मामले सामने आए थे। ऐसे में योगी सरकार ने अस्पताल के बिस्तरों और चिकित्सा ऑक्सीजन की बढ़ी माँगों को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया। राज्य ने तेजी से स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे में वृद्धि की, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि की, ऑक्सीजन की कमी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर तेजी से काम किया, महत्वपूर्ण दवाओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की, पॉजिटिव मामलों की पहचान करने के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण किया और राज्यव्यापी लॉकडाउन के बजाय कन्टेनमेंट जोन बनाए। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में, संक्रमित लोगों का परीक्षण और उपचार करके कोरोना के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने में मदद की। उन्होंने ठीक होने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना में भी मदद की। स्वास्थ्यकर्मियों को।ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए हैं। विशेषज्ञों ने क्षेत्र में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए कैस्केड मॉडल भी बनाए। बेहतर प्रबंधन के लिए जिला स्तर और प्रखंड स्तर के अधिकारी केंद्रीय नीतियों से तालमेल में थे। योगी सरकार ने राज्य में आईसीयू बेड की उपलब्धता में वृद्धि की, बल्कि सबसे अधिक वेंटिलेटर भी लगाए। कोविड रोगियों के लिए बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध कराते हुए, राज्य ने गैर-कोविड सेवाओं को बनाए रखना भी सुनिश्चित किया।

 

कोविड की नई लहर के बीच एक और तथ्य उत्तर प्रदेश के कोविड प्रबंधन को नजीर बनाता है। दरअसल माघ माह में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पारंपरिक मेले, स्नान पर्व आदि के आयोजन भी हो रहे हैं। निःसंदेह यह कोविड प्रबंधन के यूपी मॉडल का ही एक उदाहरण है कि प्रयागराज में विशाल पारंपरिक माघ मेला सकुशल चल रहा है, तो गोरखपुर में लाखों श्रद्धालु बाबा को खिचड़ी चढ़ा चुके। कहीं से भी संक्रमण के अत्यधिक प्रसार, अथवा अन्य किसी अव्यवस्था की सूचना नहीं आई। चुनाव अचार संहिता का पूरा ध्यान रखते हुए सीएम योगी ने हर जगह बंदोबस्त कर रखे हैं। स्वास्थ्य सम्बन्धी एहतियात बरतते हुए लाखों श्रद्धालु पूजन-अर्चन कर रहे हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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