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Friday, May 9, 2025

जरा आंख में भर लो पानी…. शहीद लांस नायक दिनेश कुमार: मातृभूमि के लिए अमर बलिदान

नई दिल्ली, 8 मई 2025, गुरुवार। हरियाणा का लाल, 32 वर्षीय लांस नायक दिनेश कुमार शर्मा, मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर अमर हो गया। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में तैनात, भारतीय सेना की 5 फील्ड रेजिमेंट के इस वीर सपूत ने पाकिस्तानी गोलीबारी का डटकर मुकाबला किया। 7 मई, 2025 को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से हुई भारी गोलाबारी में दिनेश शहीद हो गए। उनके पैतृक गांव मोहम्मदपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ, जहां हजारों आंखें नम थीं और दिल गर्व से भरे थे।

नन्हा परिवार, बड़ा बलिदान

दिनेश के पीछे उनकी गर्भवती पत्नी, 8 साल की बेटी और 4 साल का बेटा छूट गया। उनका परिवार, गांव और पूरा देश इस शहादत के दर्द में डूबा है, मगर उनकी वीरता की गाथा हर हिंदुस्तानी के दिल में गूंज रही है। दिनेश ने बिना डर, बिना संकोच के दुश्मन का सामना किया और भारत मां की आन-बान-शान को अक्षुण्ण रखा।

“मेरा बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ”

शहीद के पिता दया चंद का सीना गम और गर्व से भरा है। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ। उसने बहादुरी का परचम लहराया। मेरे दो और बेटे फौज में हैं, और मैं भी देश के लिए जान दे दूंगा, पर हिंदुस्तान को कभी झुकने नहीं दूंगा।” बुधवार शाम 4 बजे उन्हें बेटे की शहादत की खबर मिली, जब दिनेश के साथी और सीओ ने फोन पर यह दुखद सूचना दी।

“सुबह 4 बजे आया था आखिरी कॉल”

दिनेश के छोटे भाई कपिल ने बताया कि सुबह 4 बजे दिनेश के नंबर से कॉल आया था। बाद में उनके सीनियर ने बताया कि दिनेश गंभीर रूप से घायल हैं और उनका ऑपरेशन चल रहा है। भाई मुकेश ने कहा, “पाकिस्तानी फायरिंग में उनकी गर्दन में चोट लगी थी। उन्हें उधमपुर रेफर किया गया, मगर वे हमें छोड़कर चले गए।”

हरियाणा का गर्व, देश का सम्मान

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की कायराना गोलीबारी में दिनेश ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। उनका शौर्य हर भारतीय को प्रेरित करेगा।” उन्होंने इस बलिदान को भारतीय सेना की ताकत और संकल्प का प्रतीक बताया।

अमर रहेगा दिनेश का बलिदान

लांस नायक दिनेश कुमार की शहादत केवल एक परिवार की नहीं, पूरे देश की कहानी है। उनकी वीरता, उनका समर्पण और उनका बलिदान हमें याद दिलाता है कि हमारी आजादी और सम्मान उन अनगिनत सैनिकों की देन है, जो सीमा पर अपने प्राणों की आहुति देते हैं। दिनेश की शहादत को सलाम, और उनके परिवार को नमन। उनकी गाथा हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी।

जय हिंद!

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