प्रयागराज, यूपी के प्रयागराज में संगम की पावन धरती पर महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी से होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए प्रयागराज को नए रूप में सजाया और संवारा जा रहा है। कुंभ महानगर के साथ-साथ स्थायी प्रयागराज जिले को भी भव्य और आकर्षक बनाने का कार्य जोरों पर है।
दीवारों और पेड़ों पर अद्भुत पेंटिंग्स का नजारा महाकुंभ के मद्देनज़र शहर की सड़कों को चौड़ा करने, चौराहों को सुंदर बनाने और दीवारों पर भव्य पेंटिंग्स बनाने का काम तेजी से जारी है। अब एक नई पहल के तहत बड़े-बड़े पेड़ों पर भी पेंटिंग की जा रही है। इन पेड़ों पर भारतीय सनातन धर्म से जुड़ी पवित्र प्रतीकों और छवियों को उकेरा गया है। नीम, पीपल, और बरगद जैसे पेड़ों पर स्वास्तिक, त्रिशूल, डमरु, और त्रिपुंड जैसे धार्मिक चिन्हों को चित्रित किया गया है, जिससे पेड़ों की प्राकृतिक सुंदरता के साथ सांस्कृतिक महत्व भी झलकता है।
नैनी और अरेल में खास नजारा
नैनी-अरेल नदी के किनारे, जहां से कुंभ का अद्वितीय दृश्य नजर आता है, वहां 90 मीटर लंबी सड़क के दोनों ओर लगे पेड़ों पर पेंटिंग्स की गई हैं। इन पेड़ों और सड़कों ने प्रयागराज की खूबसूरती में चार चांद लगा दिए हैं।
शहर में सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रदर्शन
पूरे प्रयागराज में दीवारों और पेड़ों पर सनातन धर्म से जुड़े प्रतीकों और चित्रों को दर्शाते हुए एक अद्भुत सांस्कृतिक परिदृश्य तैयार किया गया है। यह न केवल महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि शहर को एक नई पहचान भी देता है। महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज अब पूरी तरह से तैयार होता दिख रहा है। इस अलौकिक दृश्य ने पहले से ही आगंतुकों और श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया है।