नई दिल्ली, 9 मई 2025, शुक्रवार। भारत की धरती ने एक बार फिर अपनी बेटी की शौर्य गाथा को अमर कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के केंद्र में चमक रहा है कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय वायुसेना की साहसिक और सटीक एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाकर देश का मान बढ़ाया। गुजरात की इस वीरांगना ने न केवल दुश्मन को करारा जवाब दिया, बल्कि अपने ससुराल और पूरे गांव को गर्व का एहसास कराया। आज उनके घर पर बधाइयों का तांता लगा है और लोग आते-जाते सलाम ठोक रहे हैं।
बहू की वीरता, गांव में जश्न का माहौल
कर्नल सोफिया कुरैशी की शादी कर्नाटक के बेलगावी जिले के कोन्नूर गांव में हुई है। उनके ससुर, मोहम्मद गौसाब बागेवाड़ी, अपनी बहू के पराक्रम पर फूले नहीं समा रहे। उनका घर आज राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन चुका है। गौसाब साहब गर्व से कहते हैं, “मेरी बहू ने हमारा नाम रोशन कर दिया। छह महीने पहले जब वो यहां आई थी, तब किसे पता था कि एक दिन पूरा गांव उनकी शान में सलाम ठोकेगा। लोग मेरे पास आकर बधाई दे रहे हैं, मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।”
गांव में हर तरफ सोफिया की बहादुरी की चर्चा है। सुबह-शाम उनके घर पर मेहमानों और शुभचिंतकों की भीड़ लगी रहती है। ससुर गौसाब ने पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा, “जाति-धर्म की बातें बेकार हैं, जो पाकिस्तान करता है। वो पीठ पीछे वार करता है, लेकिन भारतीय मुस्लिम सामने से जवाब देता है। हमारी बहू ने दिखा दिया कि भारत की नारी शक्ति कितनी ताकतवर है। अब पाकिस्तान को सोचना चाहिए कि अगर हमारी बेटियां इतनी शक्तिशाली हैं, तो हमारे बेटे कितने बलशाली होंगे!”
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की ताकत का प्रतीक
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत का परचम लहराया और कर्नल सोफिया कुरैशी को राष्ट्रीय नायिका बना दिया। गुजरात की बेटी सोफिया इससे पहले 2018 में सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने पुणे में आसियान देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया था। अपने शानदार नेतृत्व और रणनीति से उन्होंने सभी का ध्यान खींचा और खूब वाहवाही बटोरी थी। अब ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने उन्हें एक बार फिर चर्चा में ला दिया। इस निर्णायक कार्रवाई के बाद कर्नल सोफिया ने कहा, “यह ऑपरेशन न केवल भारत की ताकत का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अपनी सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगा।”
एक बेटी, एक प्रेरणा
कर्नल सोफिया कुरैशी की कहानी हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। एक छोटे से गांव से निकलकर देश की सुरक्षा के लिए इतिहास रचने वाली इस बेटी ने साबित कर दिया कि साहस और समर्पण के सामने कोई बाधा नहीं टिक सकती। उनके ससुराल और गांव में आज उत्सव का माहौल है, लेकिन सबसे बड़ा जश्न उन करोड़ों भारतीयों के दिलों में है, जो अपनी इस वीरांगना पर गर्व करते हैं।
जैसा कि गौसाब साहब ने कहा, “हमारी बहू ने हमें गौरवान्वित किया है।” और सचमुच, कर्नल सोफिया ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे देश को गर्व का वो एहसास दिया है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।