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Sunday, May 5, 2024

परेशानी आने पर सिर्फ मोदी और इंडिया कहना ही काफी होता था, सूडान से लौटे युवकों की आपबीती

हिंसाग्रस्त सूडान के खारतून और शोभा में फंसे यूपी के जौनपुर जिले के दो लोग रविवार को सकुशल घर पहुंचे। इस दौरान परिजनों ने केंद्र व राज्य सरकार के प्रति आभार जताया। इनके लौटने पर परिवार में लोगों में खुशी का माहौल है। बक्शा क्षेत्र के दरियावगंज गांव निवासी राजेश कुमार सिंह रविवार को सकुशल दिल्ली से घर पहुंच गए। मां, पत्नी सुनीता व बच्चों को देख उनके खुशी के आंसू छलक पड़े।

राजेश ने सूडान का हाल बताया तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। राजेश ने बताया कि शनिवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचते ही सरकारी साधन से उत्तर प्रदेश भवन ले जाया गया। जहां पहुंचने पर स्वागत हुआ। चाय, पानी व स्नान के बाद भोजन मिला। कार से छह लोगों में दो को कानपुर, एक को ढकवा में उतार मुझे घर तक सकुशल छोड़ा गया।

राजेश ने बताया कि वहां बिजली व इंटरनेट व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। खाने के लाले पड़ गए थे। रास्ते में जहां दिक्कतें हुई सिर्फ मोदी और इंडिया कहना ही काफी होता था। सरकार के ऑपरेशन कावेरी के तहत भारी सुरक्षा के तहत पानी के जहाज से सऊदी के जेद्दा एयरपोर्ट पहुंचाया गया। किसी की जेब में एक रुपये भी नहीं था। वृद्ध मां चंद्रावती सिंह बेटे को सामने पाकर जहां बेहद खुश दिखी, वहीं पत्नी सुनीता सिंह के खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पुत्री ज्योति, बेटा वीरू सिंह, गोलू सिंह व भाई-भाभी राजेश को सकुशल घर वापसी पर बेहद खुश नजर आए।

बीते अगस्त में सूडान गए थे राकेश

सूडान में फंसे क्षेत्र के गैरवाह निवासी राकेश कुमार भी रविवार को सकुशल घर लौट आए। राकेश बीते अगस्त में सूडान के शोभा शहर में प्लंबर का काम करते थे। राकेश बताते हैं कि शोभा में हालात खारतून जैसे तो नहीं थे, लेकिन रोजाना उड़ रही अफवाहों से डर का माहौल पैदा हो गया था।

सरकार के ऑपरेशन कावेरी शुरू करने के बाद तमाम लोगों को कंपनी की बस से पहले फौज के एयरबेस पर पहुंचाया गया। वहां से फिर सऊदी अरब के जेद्दा एयरपोर्ट लाया गया। इसके बाद वहां से दिल्ली और फिर घर तक पहुंचाया गया। राकेश के सकुशल घर आने के बाद पत्नी प्रमिला, पिता मनीराम व उनके तीन बच्चे क्रमश: खुशी, अंशू व दिव्यांशु ने राहत की सांस ली।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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