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Sunday, April 28, 2024

हिमाचल प्रदेश : शक्तिपीठ बज्रेश्वरी, ज्वालामुखी, चामुंडा और नयनादेवी मंदिर के कपाट पहली जुलाई से खुलेंगे

हिमाचल प्रदेश में दूसरी बार आई कोरोना की लहर के बाद बंद पड़े शक्तिपीठ बज्रेश्वरी, ज्वालामुखी, चामुंडा और नयनादेवी मंदिर के कपाट पहली जुलाई से खुलने जा रहे हैं। अब श्रद्धालुओं के लिए राहत की बात यह है कि मंदिर में उनके लिए कोविड काल की दूसरी लहर से पहले की तरह व्यवस्थाएं शुरू होने जा रही हैं। वे गर्भ गृह भी जा सकेंगे, प्रसाद भी चढ़ा सकेंगे और घंटी भी बजा सकेंगे। बस यहां अभी अगले सरकारी आदेशों तक भजन, कीर्तन और लंगर आयोजित नहीं होंगे। सरकार के इस फैसले से जहां श्रद्धालु अब तसल्लीबख्श मां बज्रेश्वरी के दर्शन कर सकेंगे, वहीं मंदिर बाजार के दुकानदारों के लिए यह फैसला राहत लेकर आया है। कोविड काल की दूसरी लहर के बाद जैसे ही कोरोना के केसों में बढ़ोतरी हुई तो माता बज्रेश्वरी देवी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए पूर्णतया बंद कर दिए गए थे। अप्रैल माह से माता का दरबार यात्रियों के लिए बंद है।

बस यहां पुजारियों को पूजा अर्चना करने की इजाजत दी गई है। अब पहली जुलाई से फिर मंदिर खुलने जा रहे हैं। मंदिर बाजार के दुकानदारों सहित मंदिर के पुजारियों में खुशी की लहर है। युवा पुजारी अनुपम शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। मंदिर अधिकारी दिलजीत शर्मा ने बताया कि मंदिर को दो बार सैनिटाइज किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी व्यवस्था बनाई जाएगी। उधर, एसडीएम अभिषेक वर्मा ने बताया कि पहली जुलाई से मंदिर खुलने के दौरान पहले जैसे व्यवस्था शुरू हो जाएगी। श्रद्धालु गर्भ गृह में जा सकेंगे। प्रसाद भी ले जा सकेंगे, लेकिन अभी भजन कीर्तन व लंगर का आयोजन नहीं होगा। मंदिर परिसर में श्रद्धालु मुंडन करवा सकेंगे, लेकिन इसमें कोविड प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखा जाएगा।  श्रद्धालुओं को कोरोना से बचने के लिए खुद भी जागरूक रहना है। मंदिर में सैनिटाइजेशन और कोविड नियमों का पूरी तरह से मानिटर किया जाएगा।

चिंतपूर्णी में श्रद्धालु चढ़ा सकेंगे प्रसाद, मुंडन संस्कार पर भी रोक नहीं- चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट सुबह सात से शाम को आठ बजे तक खुले रहेंगे। चिंतपूर्णी मंदिर में हवन यज्ञ और लंगर लगाने पर पाबंदी रहेगी। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रसाद चढ़ाने एवं बच्चों के मुंडन संस्कार पर रोक नहीं लगाई गई है। श्रद्धालुओं की चिंतपूर्णी सदन और शंभू बैरियर पर स्क्रीनिंग की जाएगी। गर्भ गृह में केवल पुजारियों को जाने की अनुमति होगी। वहीं, बुजुर्ग एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं को लिफ्ट से दर्शन करने के लिए भेजा जाएगा। मंदिर में 42 सुरक्षा कर्मी अलग-अलग जगह तैनात किए जाएंगे। इनमें 30 एक्स सर्विसमैन और होमगार्ड के 12 जवान शामिल हैं। उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि एक जुलाई से चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के खोल दिए जाएंगे। 

इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। कोरोना एसओपी के अनुसार ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने दिया जाएगा। चिंतपूर्णी सदन में बच्चों के मुंडन संस्कार किए जाएंगे और श्रद्धालु मंदिर में प्रसाद भी चढ़ा सकेंगे। पुजारी श्रद्धालुओं को न तो प्रसाद वितरित करेंगे और न ही मौली बांधेंगे। कन्या पूजन और हवन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुजारियों को भी कोरोना संक्रमण के लिए निर्धारित हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो पुजारियों को ही बैठने की अनुमति रहेगी।

विश्वविख्यात शक्तिपीठ नयनादेवी मंदिर के कपाट 69 दिन बाद एक जुलाई से खुलेंगे। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को एसओपी का पालन करना होगा।  पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान भी तैयार कर लिया है। वहीं मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया गया है। गौर रहे कि प्रदेश सरकार ने एक जुलाई से धार्मिक स्थलों को एसओपी के साथ खोलने की अनुमति दे दी है। नयनादेवी मंदिर के कपाट पहले की तरह खुलेंगे। श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न आए इसके लिए ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। डीएसपी नयनादेवी अभिमन्यु ने बताया कि ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। बस अड्डा से घवांडल चौक होते हुए श्रद्धालु गाड़ी में मंदिर गुफा तक आ सकते हैं।

लेकिन उन्हें वापसी में सर्कुलर रोड से वापस जाना पड़ेगा। इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु वन-वे ट्रैफिक की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा। उल्लंघना करने वालों के चालान काटे जाएंगे। डीएसपी ने कहा कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए श्री नयनादेवी जी मंदिर में पुलिस होमगार्ड के जवान तैनात किए जाएंगे। मंदिर के पैदल रास्तों पर भी आने-जाने के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए माता के दर्शन करें। एसडीएम स्वारघाट सुभाष गौतम ने कहा कि मंदिर सुबह चार बजे खुलेगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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