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Thursday, May 2, 2024

NPR अपडेट करने के लिए शीत सत्र में विधेयक ला सकती है सरकार

सात दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार अहम विधेयक पेश करने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक, सरकार जन्म व मृत्यु डेटाबेस के जरिए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) अपडेशन की इजाजत के लिए बिल ला सकती है। यह विधेयक रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया को जन्म और मृत्यु डेटाबेस  बनाए रखने और एनपीआर को अपडेट करने की अनुमति देता है।

विधेयक का ड्राफ्ट जन्म और मृत्यु पंजीकरण (आरबीडी) अधिनियम, 1969 में संशोधन के लिए बीते साल अक्तूबर में गृह मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक टिप्पणियों और सुझावों के लिए पेश किया गया था। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, डेटा का उपयोग मतदाता सूची, आधार डेटाबेस, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस को अपडेट करने के लिए भी किया जाएगा।

संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। छह दिसंबर को सभी राजनीतिक दलों की बैठक होगी, जिसमें सत्र के संभावित विधायी कामकाज और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा और राज्यसभा में राजनीतिक दलों के नेताओं को न्यौता भेजा है।

संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा। यह 29 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में 17 बैठकें होंगी। लोकसभा और राज्य सभा ने अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं। इस दौरान अहम तारीखों का ब्योरा भी जारी कर दिया गया है।

भारत अगले महीने जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने वाला है। सरकार ने पांच दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। इसमें सरकार राजनीतिक दलों को G20 की अध्यक्षता संभालने को लेकर भारत की रणनीति के बारे में जानकारी देगी। इस विशेष बैठक में शामिल होने के लिए सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है।

सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी इस बैठक में शामिल होंगे। बैठक में जी20 शेरपा अमिताभ कांत के भी शामिल होने की उम्मीद है। भारत एक दिसंबर से एक वर्ष के लिए जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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