ब्रिटेन की संसद ने हाल ही में विवादित रवांडा डिपोर्टेशन विधेयक पारित किया था। ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री बनने से पहले रवांडा पॉलिसी लागू करने का वादा किया था। अब इसी के तहत जुलाई की शुरुआत में ब्रिटेन से अवैध शरणार्थियों के पहले जत्थे को रवांडा भेजना शुरू किया जाएगा। इसके लिए यहां की सरकार ने शरणार्थियों को हिरासत में लिए जाने का काम शुरू कर दिया है।
गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा, ‘हमारी प्रवर्तन टीमें उन लोगों को तेजी से हिरासत में लेने के लिए गति से काम कर रही हैं, जिन्हें यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है। हिरासत में लेने के बाद इन्हें रवांडा भेजा जाएगा।’
शरणार्थियों को रोकना सरकार की प्राथमिकता
बता दें कि हाल के सालों में हजारों की संख्या में लोग गरीबी और युद्ध की मार से परेशान होकर अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशियाई देशों से ब्रिटेन पहुंचे हैं। ये लोग अपनी जान जोखिम में डाल छोटी-छोटी नौकाओं से इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंचते हैं। इन शरणार्थियों को रोकना ब्रिटेन सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि शरणार्थियों को रवांडा भेजना अमानवीय है। ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट भी शरणार्थियों को रवांडा डिपोर्ट करने की पॉलिसी को गैरकानूनी करार दिया है।
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हाल ही में यूरोप से छोटी नौकाओं से पहुंचने वाले प्रवासियों को लेकर कहा था कि इन लोगों पर रोक लगाने के लिए पहले हिरासत में लिया जाएगा। उसके बाद इन्हें अगले 10 से 12 सप्ताह में रवांडा भेजा जाएगा। चैरिटी फ्रीडम फ्रॉम टॉर्चर ने सरकार के कार्यों की निंदा की। साथ ही कहा कि इस सरकार ने मानवता को खो दिया है।