सरकार ने करोड़ों पेंशनधारकों को राहत देने के लिए सोमवार को फेस रिकॉग्निशन तकनीक यूनिक की शुरुआत की है। केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने तकनीक लांच करते हुए कहा कि पेंशनधारक इसका इस्तेमाल जीवन प्रमाण पत्र की तरह कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, सेवानिवृत्त और वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन जारी रखने के लिए हर साल अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देना पड़ता है। इस प्रक्रिया को आसान बनाने और जीवन सुगमता बढ़ाने के लिए पहले डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा दी गई थी। इस तकनीक को और उन्नत बनाते हुए फेस रिकॉग्निशन शुरू किया गया है।
इसका लाभ केंद्र सरकार के 68 लाख पेंशनधारकों के साथ ईपीएफओ और राज्य सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी मिलेगा।