सूचना एवं तकनीक से संबंधित संसद की स्थाई समिति ने सोमवार को फेसबुक के प्रतिनिधियों से कंपनी की पूर्व कर्मचारी और अब व्हिसलब्लोअर सोफी झांग और फ्रांसेस हॉगेन के आरोपों के बारे में जवाब-तलब किया।
सूत्रों ने बताया कि समिति झांग तथा हॉगेन को अपने सामने गवाही के लिए बुलाने पर भी विचार कर रही है। दोनों व्हिसलब्लोअर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पक्षपाती रवैया अपनाने और पर्याप्त नियामकीय व्यवस्था न करने के आरोप लगाए हैं। झांग ने तो संसदीय समिति के सामने दस्तावेज प्रस्तुत कर फेसबुक पर हेट स्पीच से संबंधित पोस्टों पर कार्रवाई नहीं करने की बात कही है।
फेसबुक की ओर से सोमवार को इंडिया पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर शिवनाथ ठुकराल समिति के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए। उनसे नागरिकों की सुरक्षा के अधिकार, सोशल मीडिया/ऑनलाइन न्यूज के दुरुपयोग, फेसबुक के प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा जैसे विषयों के अलावा झांग के आरोपों से जुड़े सवाल भी पूछे गए।
भारत केंद्रित सवाल पूछे गए
समिति ने ठुकराल से हेट स्पीच पर लगाम लगाने के तरीकों के बारे में भी पूछा है। हेट स्पीच से जुड़े मुद्दे को लेकर फेसबुक पूरी दुनिया में निशाने पर है। समिति ने पूछा कि कंपनी हेट स्पीच को रोकने के लिए क्या तरीका अपनाती है।
फेसबुक से खासकर भारत केंद्रित सवाल पूछे गए कि आखिर ऐसे देश में जहां इतनी भाषाएं हैं, वहां अलग-अलग भाषाओं में हेट स्पीच से संबंधित पोस्ट की निगरानी कैसे की जाती है?
सूत्रों ने बताया कि फेसबुक की ओर से वही रटा-रटाया जवाब दिया गया कि निजता और सुरक्षा के लिए कंपनी ने प्रभावी व्यवस्था कर रखी है और इस मुद्दे पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाती है। समिति के सदस्य फेसबुक के जवाब से संतुष्ट नहीं थे।