अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का कारवां जपोरिझिया की ओर रवाना हो गया है। रात में रूस नियंत्रित इलाके में रुकने के बाद वह बृहस्पतिवार सुबह यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में जाकर रेडियेशन के खतरे का आंकलन करेगा।
निरीक्षकों की टीम के जपोरिझिया रवाना होने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और बढ़ गया है। रूसी अधिकारियों का कहना है कि निरीक्षण का काम एक दिन में ही समाप्त हो जाने की संभावना है, जबकि आईएईए और यूक्रेन के अधिकारियों ने इसमें ज्यादा समय लगने की बात कही है।
उधर, यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी मोर्चे पर जबरदस्त जंग चल रही है। यूक्रेन के सैनिक उन इलाकों को दोबारा पाने के लिए जूझ रहे हैं, जिन पर रूस ने हाल ही में कब्जा कर लिया था। इस बीच, माइकोलीव के पास जमा हुए यूक्रेनी सैनिकों पर रूस ने बड़ा हमला कर दिया।
रूस का दावा है कि इस हमले में 1200 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं। हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। उधर, रूस ने यह दावा भी किया कि उसकी सेना ने यूक्रेन के 48 टैंक और 37 बख्तरबंद लड़ाकू वाहन उड़ा दिए हैं। साथ ही, भारी मात्रा में हथियार और सैन्य उपकरण भी तबाह कर दिए हैं।
रवाना होने से पूर्व कीव में पत्रकारों से वार्ता में आईएईए प्रमख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि छह महीने लगातार चले प्रयासों के बाद आखिर हम जपोरिझिया रवाना हो रहे हैं। प्लांट के निरीक्षण में कुछ दिन लगने की संभावना है।
हमारे पास वहां वास्तविक हालात का पता लगाने और उन्हें स्थिर बनाए रखने का महत्वपूर्ण काम है। हम युद्ध क्षेत्र में जा रहे हैं। इसके लिए हमें रूस ही नहीं, बल्कि यूक्रेन से भी गारंटी चाहिए। रूस ने इस प्लांट पर मार्च में ही कब्जा कर लिया था। इसका संचालन अब भी यूक्रेन के ही इंजीनियर कर रहे हैं।