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Saturday, April 27, 2024

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर हर वर्ग की उम्मीद टिकी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर हर वर्ग की उम्मीद टिकी हुई है। लोगों का मानना है कि यह सरकार का अंतिम बजट है। अगले साल लोक सभा चुनाव होने के कारण सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी। ऐसे में संभावना है कि इस बजट में सभी वर्गों को लुभाने के लिए आकर्षक छूट दी जा सकती है। साथ ही महंगाई को काबू करने के लिए विशेष व्यवस्था भी हो सकती है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यदि सरकार बजट में राहत देने के साथ कोई स्कीम लेकर आती है तो व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मध्यम वर्ग को मिल सकती है कर में छूट चार्टर्ड अकाउंटेंट पुष्पेंद्र कुमार ने कहा कि एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में इनकम टैक्स स्लैब रेट बढ़त की उम्मीद है। अभी तक ढाई लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगता। मध्यम वर्ग में वोटर ज्यादा हैं और सरकार इन्हें लाभ पहुंचाने के लिए छूट दे सकती है। साल 2014 व 2019 में मध्यम वर्ग ने भाजपा भरोसा जताया था। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि बजट पेश करते समय केंद्रीय वित्त मंत्री इस वर्ग का विशेष ध्यान रखेगी। उम्मीद है कि कर छूट का स्लैब ढाई लाख से बढ़ाकर पांच या साढ़े सात लाख रुपए किया जा सकता है। मिलनी चाहिए हाउसिंग लोन में छूट की सुविधा चार्टर्ड अकाउंटेंट विक्रम शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हाउसिंग लोग में छूट की सुविधा दी थी, लेकिन कोरोना महामारी के बाद से यह बंद है। इसे एक बार से शुरू करना चाहिए। योजना फिर से शुरू होने से जहां घर लेने वालों को राहत मिलेगी, वहीं रियल एस्टेट मार्केट में भी तेजी आएगी। पिछले एक साल से रेपो रेट काफी बढ़ गया है, जिससे हाउसिंग लोन का ब्याज बढ़ रहा है। ऐसे में इनकम टैक्स के प्रावधान 24 के तहत मिलने वाली छूट की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर चार लाख तक कर देना चाहिए।महंगाई से मिलनी चाहिए राहतगृहिणी ममता वधावन का कहना है कि महंगाई से हर परिवार परेशान है। रोज इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमतें तेजी से बढ़ रही है, सरकार को चाहिए कि इनपर लगाम लगाए। खासकर दाल, चावल, आटा, दूध, गैस व अन्य सामान के दामों पर। पिछले कुछ सालों के मुकाबले इनके दाम काफी बढ़ गए हैं। कई महिलाएं महंगाई के कारण घर खर्च चलाने में सक्षम नहीं हो पा रही है। घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। यदि सरकार इस बजट में महंगाई को काबू करने की दिशा में काम करती है तो काफी कुछ बेहतर हो सकता है।स्वास्थ्य बजट को किया जाना चाहिए पांच फीसदी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य बजट को डेढ़ फीसदी से बढ़ाकर पांच फीसदी कर देना चाहिए। कोरोना महामारी में हेल्थ सेक्टर की मांग काफी बढ़ती थी, लेकिन सरकार इस और ज्यादा ध्यान नहीं देती। सरकार का आज भी बढ़ा खर्च वेतन पर होता है, जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। इसके अलावा केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को और व्यावहारिक बनाए जाने की जरूरत है। इसके रेट को सही करना चाहिए जिससे लोगों को इसका लाभ मिल सकें।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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