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Saturday, April 27, 2024

छोटू वसावा के बेटे महेश वसावा भाजपा में हुए शामिल, बीटीपी संस्थापक ने किया ये एलान

गुजरात के लोकप्रिय आदिवासी नेता छोटू वसावा ने बताया कि उन्होंने देश के आधिवासी लोगों के अधिकारों के हित में लड़ने के लिए एक संगठन बनाया है। उनका यह बयान उनके बेटे और भारतीय आदिवासी पार्टी (बीटीपी) नेता के भाजपा में शामिल होने के बाद आया है। छोटू वसावा ने बताया कि उनका संगठन राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक संगठन था। 

बीटीपी राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक संगठन था: छोटू वसावा
बीटीपी संस्थापक ने बुधवार को बताया कि उनकी नई संगठन भारत आदिवासी संविधान सेना राजनीतिक नहीं बल्कि एक सामाजिक संगठन था। उन्होंने इसी के साथ कहा कि वह जल्द ही घोषणा करेंगे कि वह किस बैनर के तहत आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। 

बेटे महेश वसावा के भाजपा में शामिल होने पर छोटू वसावा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संगठन उन लोगों को कभी माफ नहीं करेगा, जिन्होंने पैसों के लालच में इसे बर्बाद कर दिया। छोटू वसावा के सहयोगी अंबालाल जादव ने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के सदस्य चुनावी मुद्दों पर बातचीत करने के लिए छोटू वसावा से मुलाकात करेंगे। बीएपी की स्थापना पिछले साल राजस्थान में हुई थी, जहां इन्होंने विधानसभा चुनाव में तीन सीटें जीती थी। इसके अलावा मध्य प्रदेश में बीएपी एक सीट जीतने में कामयाब हुई थी।

बैठक में चुनाव लड़ने पर होगा फैसला
अंबालाल जादव ने कहा, बीएपी के सदस्यों में चार विधायक (राजस्थान के तीन और मध्य प्रदेश के एक) शुक्रवार को छोटू वसावा से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में हम चुनाव लड़ने पर भी फैसला करेंगे। बता दें कि छोटू वसावा ने भरूच लोकसभा सीट से 2004 और 2009 में जनता दल (यूनाइटेड) की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2014 में बीएपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। छोटू वसावा ने बताया कि वह जल्द ही इस संगठन को पूरे भारत में फैलाएंगे।

छोटू वसावा ने 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बीटीपी की स्थापना की थी। उस समय पार्टी ने दो सीटें जीतीं थी, जिसमें झगड़िया से छोटू वसावा और डेडियापाड़ा से उनके बेटे महेश वसावा ने जीत हासिल की थी। 2022 में अपने बेटे के साथ मतभेद के बाद वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें भाजपा के रितेश वसावा से हार का सामना करना पड़ा था।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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