भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को उत्तराखंड के औली में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एक संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण युद्धाभ्यास शुरू किया है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच दोनों देश (भारत-अमेरिकी) 15 दिनों तक यह साझा सैन्य अभ्यास करेंगे।
भारतीय सेना के सार्वजनिक सूचना महानिदेशालय ने कहा कि भारतीय सेना और अमेरिकी सेना ने युद्ध अभ्यास 2022 के लिए हाथ मिलाया है। सेना के अनुसार, संयुक्त अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के शासनादेश के तहत शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में एक इन्फैंट्री बटालियन समूह को नियुक्त करने पर केंद्रित है।
भारतीय सेना के एडीजी पीआई ने कहा कि यह युद्धाभ्यास दोनों देशों को एक-दूसरे का समर्थन करके चीन का मुकाबला करने में मदद करेगा। 15 दिवसीय युद्धाभ्यास खासकर अत्यधिक ऊंचाई वाले और बेहद ठंडे क्षेत्र में प्रशिक्षण पर केंद्रित है, जिससे चीन से अधिक ऊंचाई पर लड़ने में मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय का बयान में कहा कि युद्ध अभ्यास भारत और अमरीका के बीच प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है। अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में संयुक्त बेस एल्मडॉर्फ रिचर्डसन, अलास्का (यूएसए) में आयोजित किया गया था।
भारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास के 18वें संस्करण में हिस्सा अमेरिकी सेना की 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के सैनिक और असम रेजीमेंट के जवान हिस्सा ले रहे हैं और दोनों देशों के सैनिक समान उद्देश्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वहीं उत्तराखंड का औली एलएसी से महज 95 किलोमीटर दूर स्थित है। ऐसे में इस तरह का युद्धाभ्यास पिछले दो सालों से एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र लद्दाख में चीन की आक्रामकता के खिलाफ एक संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के सैनिक किसी भी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर त्वरित और समन्वित राहत प्रयासों को शुरू करने का अभ्यास करेंगे। विज्ञप्ति में बताया गया है कि दोनों सेनाएं एक-दूसरे के पेशेवर कौशल और अनुभवों का पूरा लाभ उठा सकें, इसलिए एक कमांड पोस्ट एक्ससाइज के अलावा काफी सोच-समझकर चुने गए विषयों पर एक्सपर्ट एकेडमिक डिस्कशन (ईएडी) भी कराया जाएगा।
भारती और अमेरिकी नौसेनाओं ने इस वर्ष मालाबार अभ्यास में भी हिस्सा लिया, जो 15 नवंबर को जापान के समुद्र में संपन्न हुआ। ऑस्ट्रेलिया और जापान के नौसैनिक बल भी बहुपक्षीय अभ्यास का हिस्सा रहे। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाडा) का हिस्सा हैं।