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Sunday, May 5, 2024

होमगार्ड कर्मियों के भुगतान में देरी की शिकायत होगी दूर,ऑन लाइन पद्धति से भुगतान प्रक्रिया हुई तेज, बकाया धनराशि का 97% भुगतान किया गया 

लखनऊ,12 मई

 

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने में प्रदेश पुलिस बल के सहायक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे होम गार्ड स्वयंसेवकों और अवैतनिक अधिकारियों को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश सरकार ने उनके ड्यूटी भत्ते के भुगतान में विलंब की शिकायतों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

 

होमगार्ड कर्मियों को एरियर भुगतान करने में प्रदेश शासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए पिछले 5 वर्षों में भुगतान प्रक्रिया का डिजिटाईज़ेशन करते हुए, इसे सरल एवं पारदर्शी बनाया है। ऑनलाइन मस्टर रोल के निर्माण से होमगार्ड की ड्यूटी स्थल का ब्योरा जिला कार्यालय में तुरंत उपलब्ध हो जाता है, जिससे उनकी दैनिक उपस्थिति स्थापित होती है। इस प्रकार जिला कमांडेंट द्वारा मस्टर रोल को अंतिम किया जाता है जिससे भुगतान भी जल्दी तैयार किया जा सकता है।

 

वर्ष 2017 में योगी सरकार आने के बाद 2022 तक, राज्य सरकार के होमगार्ड विभाग, अतिरिक्त पुलिस ड्यूटी, डायल 112 के मद पर; राज्य सरकार के अन्य विभाग, और भारत सरकार के समस्त विभागों पर बकाया कुल धनराशि रु 1685.33 करोड़ रुपए थी, जिसमे 1639. 53 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया।

 

सीएम योगी के निर्देश पर आने वाले 100 दिनों में अनलाइन मस्टर रोल जनरेशन और ड्यूटी भत्ते का भुगतान और भी सरल और तेज बनाए जाना प्रस्तावित है। इस प्रक्रिया से होमगार्ड के बैंक खाते में ड्यूटी भत्ते की रकम का भुगतान तुरंत हो जाता है।

इस वर्ग के हित एक और बड़ा फैसला लेते हुए पिछले 5 वर्षों में सरकार द्वारा होमगार्ड स्वयंसेवकों और अवैतनिक अधिकारियों के मानदेय में वृद्धि की गई। जहां स्वयंसेवकों के ड्यूटी भत्ते को 2019 में रु 500 से बढ़ा कर रु 600 किया गया, वहीं अवैतनिक अधिकारियों के मानदेय को भी बढ़ाया गया है। आने वाले दिनों में इस आशय का निर्णय भी लिया जाएगा जिसके तहत अंतर-जनपदीय ड्यूटी करने के भत्ते में वृद्धि कर इसे वर्तमान रु 30 प्रतिदिन से बढ़ा कर रु 150 प्रतिदिन किया जाए।

 

सरकार का यह मानना है कि किसी दूसरे जनपद में मात्र रु 30 की धनराशि से रहने, खाने के खर्चों को पूरा करने की कल्पना भी संभव नहीं है। इस प्रकार, प्रति वर्ष 10,000 स्वयंसेवकों की वर्ष में एक महीने की दूसरे जिले में ड्यूटी पर लगाए जाने की स्थिति में बढ़े हुए भत्ते के भुगतान करने में वित्तीय व्ययभार लगभग रु 3.60 करोड़ प्रति वर्ष आएगा।

यह भी प्रस्तावित है कि आगामी 100 दिनों में प्रशिक्षण भत्ते और ड्यूटी भत्ते को एक समान किया जाएगा। प्रत्येक सेवा में प्रशिक्षण में पूरे वेतन के साथ टी.ए. और डी.ए. की अनुमान्यता भी की जा रही है। इस पर रु 8.80 करोड़ का कुल खर्च आएगा।

वर्तमान में लगभग 85,000 होम गार्ड्स पुलिस बल के सहायक के रूप में अलग अलग भूमिका निभा रहे हैं। इनकी स्वीकृत संख्या 1 लाख 18 हजार 348 है। इस स्वीकृत संख्या का 20 प्रतिशत (लगभग 23,670 पद) महिला होम गार्ड के लिए आरक्षित किये गए हैं।

विभाग की कार्ययोजना के अनुसार, होमगार्ड स्वयंसेवकों के रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र ही शुरू की जाएगी। अभी कुल रिक्तियां लगभग 34,000 हैं। यह प्रक्रिया इसलिए भी तेज की जा रही है क्योंकि आगामी 4 वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले होमगार्ड की संख्या लगभग 15,700 है। विभाग द्वारा ऐसी तैयारी की जा रही है कि आगामी 4 वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 12,000 (7000 पुरुष व 5000 महिला) होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती की जा सके।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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