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Saturday, April 27, 2024

11 महीने से UP कांग्रेस हेडक्वॉर्टर नहीं आईं प्रियंका गांधी, उपचुनाव में 6 में से 4 सीटों पर कांग्रेस की हुई जमानत जब्त

‘प्रियंका फैक्टर’ का यूपी में कांग्रेस की बदहाल स्थिति पर कोई असर नहीं, पार्टी में निराशा का माहौल
पिछले कई साल से यूपी में बेहद कमजोर दिख रही कांग्रेस में प्रियंका गांधी की सक्रिय एंट्री के बाद भी कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है. हाल ही में 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की 4 सीटों पर जमानत जब्त हो गई. वहीं 2 सीटें (बांगरमऊ व घाटमपुर) पर वह नंबर 2 पर रहे और एक सीट (टूंडला) पर उनके प्रत्याशी का पर्चा ही खारिज हो गया. इस उपचुनाव में उनका वोट प्रतिशत महज़ 7.53% रहा.

कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी इन उपचुनावों में प्रचार करती नहीं दिखीं. वहीं दिसंबर 2019 के बाद से वे लखनऊ पार्टी प्रदेश हेडक्वॉर्टर्स भी नहीं आईं. कुछ महीने पहले उनके लखनऊ स्थित मकान में शिफ्ट होने की खबरें भी आई थीं लेकिन वह अभी तक उस मकान में शिफ्ट नहीं हुई हैं. ऐसे में उपचुनाव के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई है. नाम न छापने की शर्त पर यूपी कांग्रेस के तमाम नेता कह रहे हैं कि पार्टी आलाकमान की यूपी में सक्रियता कम होने के कारण अजीब सी स्थिति बनी हुई है.

यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि पार्टी के भीतर कार्यकर्ता व आलाकमान में कम्यूनिकेशन बढ़ने के बजाय कम होता जा रहा है. दिसबंर 2019 के बाद प्रियंका गांधी 2 बार यूपी आईं. एक बार वे फरवरी में सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए प्रोटेस्ट में घायल लोगों से मिलने आजमगढ़ गईं और दूसरी बार अक्टूबर में रेप पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस. लखनऊ स्थित पार्टी हेडक्वॉर्टर्स आए हुए उन्हें लगभग 11 महीना होने वाला है. कोरोना काल में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ पदाधिकारियों से संवाद किया लेकिन आम कार्यकर्ता से कोई संवाद नहीं हो पाया. अगर पार्टी का हाल 2019 लोकसभा चुनाव जैसा होने से बचाना है तो अब समय आ गया है कि वर्क फ्रॉम मोड से बाहर आना पड़ेगा.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू के मुताबिक, ‘उपचुनाव में हम दो सीटों पर नंबर 2 पर रहे और एक सीट पर नंबर 3 पर. हमारा वोट पर्सेंटेज भी बढ़ा. मुख्य विपक्षी के तौर पर हम ही एक्टिव दिख रहे हैं. ऐसे में ये कहना कि प्रियंका जी के आने के बाद से कांग्रेस मजबूत नहीं हुई है ये गलत है. बीजेपी सरकार के खिलाफ लगातार कांग्रेस पार्टी संघर्ष कर रही है. हम उपचुनाव के नतीजे से सबक लेते हुए आगे और मेहनत से प्लानिंग करेंगे.’

ट्विटर पर सक्रिय लेकिन जमीन से गायब

कोविड फेज के दौरान भी प्रियंका गांधी वर्क फ्रॉम होम मोड में नजर आईं. प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए उन्होंने सरकार को चिट्ठी लिखकर ऑफर भी किया जिसके बाद पूरी ‘बस कंट्रोवर्सी’ हुई. इस दौरान प्रियंगा गांधी दिल्ली से ही पूरे विवाद को हैंडल करती रहीं. इस विवाद में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू व प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई जिसके बाद लल्लू को 26 दिन जेल में काटने पड़े.

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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