प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) व सूचना प्रौद्योगिक जनित सेवा इकाइयों (आईटीईएस) के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आईटी सिटी और आईटी पार्क की स्थापना करने वालों को पूंजीगत निवेश पर 25 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी। अधिकतम सीमा 100 करोड़ रुपये होगी।
भूमि की खरीद पर स्टांप ड्यूटी में भी शत प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसके तहत पश्चिमांचल (गाजियाबाद और नोएडा को छोड़कर), मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड में एक-एक आईटी सिटी की स्थापना की जाएगी।
वहीं आईटी इंडस्ट्री स्थापित करने वाले निवेशकों को 10 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने आईटी व आईटीईएस नीति-2022 का मसौदा तैयार किया है। जल्द ही इसे कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल सकती है।
प्रत्येक मंडल में एक आईटी पार्क बनाएंगे
आईटी नीति के तहत प्रत्येक मंडल में एक ग्रीन फील्ड आईटी पार्क की स्थापना के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। आईटी पार्क की स्थापना में निवेशक को पूंजीगत व्यय पर 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 20 करोड़ रुपये होगी। विकासकर्ता को भूमि की खरीद पर स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत छूट दी जाएगी।
इनोवेशन ईकोसिस्टम को दिया जाएगा बढ़ावा
आईटी एवं आईटीईएस नीति के तहत इनोवेशन ईकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसकी स्थापना पर कुल परियोजना लागत के 50 प्रतिशत (10 करोड़) रुपये तक सब्सिडी दी जाएगी।
सूचना प्रौद्योगिकी इकाई की स्थापना पर 50 करोड़ की सब्सिडी
पांच करोड़ रुपये और इससे अधिक राशि के निवेश कर आईटी इकाई स्थापित करने पर 10 फीसदी (अधिकतम 50 करोड़ रुपये) की सब्सिडी दी जाएगी। निवेशक को लीज रेंट, लाइसेंस प्राप्त इंटरनेट सेवा प्रदाता को बैंडविड्स कनेक्टिविटी, डाटा सेंटर, क्लाउड सेवा लागत और विद्युत शुल्क पर दस प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। निवेशक को भूमि की लागत पर भी 25 प्रतिशत तक (50 करोड़ रुपये) की प्रतिपूर्ति की जाएगी। निवेशक को बैंक कर्ज के ब्याज पर 7 प्रतिशत प्रतिपूर्ति पांच वर्ष तक की जाएगी। इकाई की स्थापना के लिए भूमि के पट्टे के स्टांप शुल्क में भी शत प्रतिशत छूट दी जाएगी।