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Thursday, May 9, 2024

आयुष कॉलेज हेराफेरी: मुख्यमंत्री योगी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया

आयुष कॉलेजों के दाखिलों में हेराफेरी मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। सीएम के निर्देश के बाद इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से केंद्र को सिफारिश भेजने की तैयारी शुरू हो गई है।

सीबीआई जांच में आयुष विभाग के कई अफसरों का फंसना तय माना जा रहा है। विभागीय जांच में 22 ऐसे अभ्यर्थी मिलें हैं, जो नीट 2021 में शामिल नहीं हुए और उन्हें दाखिला मिल गया। आयुर्वेद, होम्योपैथ और यूनानी के कुल 891 छात्रों के दाखिले में गड़बड़ी की रिपोर्ट देते हुए आयुर्वेद निदेशक प्रो. एसएन सिंह ने केस दर्ज कराया है। इसमें काउंसिलिंग कराने वाली संस्था अपट्रॉन, उसके द्वारा तय की गई वेंडर एजेंसी वी3 सॉल्यूशन और उसके प्रतिनिधि कुलदीप सिंह व अन्य नामजद हैं। मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। इसी बीच सीबीआई से भी जांच कराने के निर्देश दे दिए गए।

हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ कर हुई हेराफेरी

विभागीय जांच में यह बात सामने आई है कि काउंसिलिंग कराने वाली एजेंसी ने हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ की। दूसरे राज्य के छात्रों के आवेदन संख्या व परीक्षा में मिले नंबर पर यूपी के छात्रों के नाम व अन्य दस्तावेज अपलोड कर दिए। फिर उसी हिसाब से दाखिला दिला दिया गया।

आयुर्वेद निदेशक प्रो. एसएन सिंह सहित दो निलंबित

आयुष कॉलेजों में दाखिला मामले में आयुर्वेद निदेशक प्रो. एसएन सिंह एवं प्रभारी अधिकारी डॉ. उमाकांत यादव को निलंबित कर दिया गया है। जबकि होम्योपैथिक विभाग के संयुक्त निदेशक प्रो. विजय पुष्कर और यूनानी विभाग के प्रभारी अधिकारी प्रो. मोहम्मद वसीम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रो. पुष्कर और प्रो. मोहम्मद वसीम अपने-अपने विभाग के काउंसिलिंग प्रभारी थे।

एसटीएफ ने की वेंडर और एजेंसी से जुड़े मामले में एक दर्जन लोगों से पूछताछ

यूपी एसटीएफ ने आयुष कालेजों में छात्रों के दाखिलों में हेराफेरी की जांच तेज कर दी है। एसटीएफ ने सोमवार को काउंसिलिंग कराने वाली एजेंसी अपट्रॉन व उसके वेंडर वी थ्री सॉल्युशन से जुड़े एक दर्जन लोगों से पूछताछ की है। पूछताछ का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहेगा। अब तक की पूछताछ में एसटीएफ को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिसे सत्यापित किया जा रहा है। मामले की जांच के लिए एसटीएफ ने अलग-अलग टीमें बनाई हैं। अलग अलग टीमें एजेंसी से जुड़े लोगों से इस पूरे घपले की जानकारी जुटा रहे हैं। इसमें किसको कितने पैसे मिले? मास्टर माइंड कौन था? यह सब पता लगाया जा रहा है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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