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Tuesday, May 7, 2024

हिंदी भाषा को लेकर फंस गया जोमैटो का कर्मचारी, ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है हैशटैग Reject Zomato

खाना डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो एक बार फिर विवादों में घिर गई है। दरअसल इस बार का मामला हिंदी भाषा सीखने को लेकर है। चेन्नई के एक ग्राहक ने आरोप लगाया है कि उसे हिंदी न जानने के लिए ‘झूठा’ करार दिया गया।

ग्राहक का कहना है कि कंपनी में काम करने वाले एक अधिकारी ने उससे कहा कि उसे हिंदी तो थोड़ी बहुत आनी चाहिए क्योंकि यह हमारी ‘राष्ट्र भाषा’ है। इस विवाद के बारे में ग्राहक ने ट्वीट किया और कर्मचारी के साथ हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट शेयर किया। विकास ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने जो ऑर्डर दिया उसमें से एक आइटम नहीं पहुंचा है।

विकास ने जो चैट्स का स्क्रीनशॉट साझा किया है उसमें वह ऑर्डर को लेकर जोमैटे के अधिकारी के साथ बहस करता नजर आया है। इस बातचीत में जोमैटो चैट सपोर्ट एक्जीक्यूटिव ग्राहक से कहता है कि उसकी रेस्तरां से पांच बार बात हो चुकी है लेकिन वहां ‘भाषा की बाधा’ है। इस पर ग्राहक जवाब देता है यह मेरी समस्या नहीं है। आप जल्द से जल्द पैसे लौटाइए।

ताजा जानकारी के अनुसार जोमैटो ने ग्राहक के हिंदी भाषा पर बहस करने वाले कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि हमने अपनी विविध संस्कृति के प्रति लापरवाही के लिए कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है। नौकरी से हटाना हमारे प्रोटोकॉल के अनुरूप है और कर्मचारी का व्यवहार स्पष्ट रूप से संवेदनशीलता के सिद्धांतों के खिलाफ था जिसके लिए हम अपने एजेंटों को नियमित आधार पर प्रशिक्षित करते हैं।

कंपनी ने कहा कि बर्खास्त कर्मचारी के बयान हमारी कंपनी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। Zomato ने आगे कहा कि वह अपने मोबाइल एप का एक तमिल संस्करण बना रहा है और उसने राज्य में स्थानीय भाषा में अपने मार्केटिंग संचार को पहले ही स्थानीयकृत कर दिया है।

जोमैटो के साथ बहस का यह ट्वीट पोस्ट किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो गया। लोगों ने भाषा पर सवाल उठाने के लिए सोशल मीडिया पर कर्मचारी की खिंचाई की और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। वहीं, जोमैटो केयर ने इसे ‘अस्वीकार्य’ बताया। बाद में जोमैटो ने कहा, ‘विकास, टेलीफोन पर हमारी बातचीत के अनुसार, आपकी शिकायतों का समाधान हो गया है। आगे किसी भी तरह की मदद के लिए आप हम तक जरूर आएं।

डीएमके के सांसद सेंथिल कुमार ने भी अपने हैंडल पर विकास का ट्वीट साझा किया। सांसद ने जोमैटो से इसकी जवाबदेही तय करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु में एक ग्राहक को हिंदी क्यों आनी चाहिए और किस आधार पर आपने यह कहा कि उसे थोड़ी-बहुत हिंदी की जानकारी होनी चाहिए।

 

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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