पंजाब में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यहां सियासी बयानबाजियां भी तेज होती जा रही हैं। चुनाव से ठीक तीन दिन पहले अचानक पंजाब की सियासत में 51 हजार का जिक्र आ गया है। अब इसी को लेकर पूरे सूबे में चर्चा शुरू हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच इसी 51 हजार को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है। जानिए क्या है पूरा मामला?
केजरीवाल के बयान से शुरू हुई जंग
सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस 51 हजार का जिक्र किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ मैं अभी धुरी में था। चन्नी साहिब, भगवंत धुरी से कम से कम 51,000 वोट से जीत रहे हैं। और आप दोनों सीटों से हार रहे हैं।
दरअसल केजरीवाल बार-बार बोल रहे हैं कि सीएम चन्नी जिन दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, उन दोनों सीटों पर उनकी हार हो रही है। जबकि आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार भगवंत मान सिंह जिस धुरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां से वह कम से कम 51 हजार वोटों से जीत रहे हैं। केजरीवाल कई सर्वे का हवाला भी दे रहे कि चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार रहे हैं।
चन्नी ने कैसे किया पलटवार?
केजरीवाल का ट्वीट आने के 18 घंटे बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए 51 हजार का जिक्र किया। कहा, ‘केजरीवाल जी, कम से कम 51 हजार झूठ तो आप बोल ही चुके हैं। 2017 की तरह 10 मार्च को आपकी ये बातें भी गलत साबित हो जाएंगी।’
एक अन्य ट्वीट में चन्नी ने केजरीवाल के पुराने बयानों का भी जिक्र किया, जिसमें वह कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं के हारने का दावा कर रहे हैं।
20 फरवरी को चुनाव, 1304 प्रत्याशी मैदान में
पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव हैं। इसमें 1304 प्रत्याशी मैदान में हैं। आंकड़ों के अनुसार इस बार 1304 प्रत्याशियों में से 315 प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले हैं। इनमें 218 ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जिनपर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। सबसे ज्यादा शिरोमणि अकाली दल के 68% उम्मीदवार दागी हैं। दागियों को टिकट देने में आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर है। आम आदमी पार्टी के 50% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इस मामले में तीसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी और चौथे पर शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) है। भाजपा के 38% और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के 29% प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इस सूची में पांचवे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी और छठवें पर कांग्रेस है। बसपा ने 15% और कांग्रेस ने 14% दागियों को टिकट दिया है।