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Friday, March 29, 2024

तीसरे टेस्ट के लिए विराट तैयार फॉर्म, फिटनेस और प्लेइंग इलेवन पर कही यह बड़ी बात

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मंगलवार से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी टेस्ट केप टाउन में खेला जाएगा। इससे पहले विराट कोहली ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने फिटनेस, फॉर्म और प्लेइंग-11 पर सवालों के जवाब दिए।

उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं लगता कि मोहम्मद सिराज अगले टेस्ट के लिए फिट हैं। आप तेज गेंदबाजों के साथ रिस्क नहीं ले सकते। वहीं, अपनी फिटनेस के बारे में विराट ने कहा कि वह पूरी तरह खेलने को तैयार हैं।

विराट कोहली पिछले कुछ समय से फॉर्म में नहीं हैं। उन्होंने नवंबर 2019 के बाद से शतक नहीं लगाया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी हो रही है। इस सवाल पर कोहली ने कहा कि वह बाहरी आवाजों पर ध्यान नहीं दे रहा। उसकी उन्हें चिंता नहीं है। कोहली ने कहा कि वह सही तरीके से तैयारी और अपने बेसिक्स पर ध्यान दे रहे हैं।

कोहली ने कहा यह पहली बार नहीं है जब लोग मेरी फॉर्म के बारे में बोल रहे हैं। मेरे करियर में यह कई बार हो चुका है। जब मैं 2014 में इंग्लैंड दौरे पर गया था, तब भी ऐसा हुआ था। मैं खुद को कभी उस नजरिए से नहीं देखता, जिस नजरिए से दुनिया मुझे देखती है। मैं बस टीम के लिए बेस्ट करने पर ध्यान दे रहा हूं और टीम के लिए जो हो सकेगा करूंगा।

कोहली ने कहा- आपको यह समझना होगा कि स्पोर्ट्स में हमेशा चीजें आपके मुताबिक नहीं चल सकती। मुझे हमेशा लगता है कि जब भी टीम अच्छा करती है, मेरा उसमें कुछ न कुछ योगदान होता है और यही मेरे लिए गर्व की बात होती है। जब भी टीम को साझेदारी की जरूरत होती है, मेरा भी उसमें योगदान होता है। कभी-कभी आपको फॉर्म की बजाय टीम को जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, उस पर ध्यान देना होता है।

कोहली पिछले टेस्ट में पीठ में समस्या के कारण नहीं खेल पाए। अगले टेस्ट में वह टीम को लीड करेंगे। उन्होंने खिलाड़ियों की फिटनेस के सवाल पर कहा कि हमारा सारा ध्यान खुद को ज्यादा से ज्यादा फिट रखने पर है। हालांकि, सच्चाई यही है कि हम काफी क्रिकेट खेलते हैं। मैं 2012 के बाद से तीनों फॉर्मेट में टीम का हिस्सा रहा हूं और साथ ही आईपीएल भी खेलता हूं। हमें इस चीज को मानना होगा कि मैं हर एक मैच खेलूं, यह संभव नहीं है।

उन्होंने तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का उदाहरण देते हुए कहा- भुवी ने पिछले चार-छह साल में हमारे लिए काफी क्रिकेट खेला। वह लगातार टीम का हिस्सा रहे। रवींद्र जडेजा भी ज्यादातर मैच खेलते हैं। उन्हें भी चोट लगती है और ऐसा होना प्राकृतिक है। खिलाड़ियों की क्षमता और वह कितने मैच खेलते हैं, इसमें सही गैप होना चाहिए। हम पूरे जी जान से मैच खेलते हैं, तो हमारे मैचों की संख्या पर ध्यान देना जरूरी है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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