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Thursday, April 17, 2025

स्टांप चोरी के जाल में फंसा V2 रिटेल: 145 शहरों में फैले कारोबार पर उठे सवाल

वाराणसी, 9 अप्रैल 2025, बुधवार। देश के 145 शहरों में अपने कारोबारी पंख फैलाने वाली मशहूर कंपनी V2 रिटेल लिमिटेड एक बड़े विवाद में फंस गई है। वाराणसी से शुरू हुआ यह मामला अब पूरे उत्तर प्रदेश में तूल पकड़ रहा है। कंपनी पर स्टांप शुल्क चोरी का गंभीर आरोप लगा है, जिसके बाद जांच का दायरा बढ़ते हुए 32 जिलों के 52 स्टोर्स तक पहुंच गया है।

मामला तब सामने आया जब संयुक्त आयुक्त (कार्पोरेट सर्किल), राज्य कर ने V2 रिटेल के एक ऑनलाइन आवेदन की पड़ताल की। दरअसल, कंपनी ने गोरखपुर के विजय चौक, बैंक रोड से संचालित अपने कारोबार के तहत प्रदेश में 7 नए स्टोर खोलने के लिए आवेदन किया था। इसके लिए लीज और किराए से जुड़े दस्तावेज भी अपलोड किए गए। लेकिन जांच में जो खुलासा हुआ, वह चौंकाने वाला था।

स्टांप शुल्क में खेल: लाखों का किराया, सैकड़ों का स्टांप

परीक्षण के दौरान पता चला कि इन 7 स्टोर्स के लिए 12 से 15 साल के लीज एग्रीमेंट किए गए थे। किराया? 3 लाख से लेकर 15 लाख 53 हजार रुपये प्रतिमाह तक। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि इन भारी-भरकम एग्रीमेंट्स को महज 100 से 500 रुपये के स्टांप पेपर पर अंजाम दिया गया। नियमों के मुताबिक, 5 लाख से ऊपर के किराए पर 5000 रुपये का स्टांप शुल्क देना अनिवार्य है। यह साफ था कि कंपनी ने स्टांप शुल्क में भारी हेराफेरी की थी।

नोटिस से लेकर जांच तक: शासन सख्त

स्टांप चोरी का यह खेल पकड़े जाने के बाद V2 रिटेल को तुरंत नोटिस थमा दी गई। साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन को सूचित किया गया। 1 अप्रैल को अपर आयुक्त स्टांप, मनिंद्र कुमार सक्सेना ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश भर में फैले कंपनी के 52 स्टोर्स के एग्रीमेंट्स की जांच के आदेश दे दिए। इसमें वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज, गौतमबुद्ध नगर और गोंडा जैसे बड़े जिले शामिल हैं।

निर्देश साफ है- जहां कहीं भी स्टांप शुल्क में गड़बड़ी मिले, वहां नोटिस जारी कर बकाया शुल्क वसूला जाए। वाराणसी में यह जिम्मेदारी एडीएम (वित्त एवं राजस्व) को सौंपी गई है, जो अब इस मामले की गहराई में उतरने को तैयार हैं।
कारोबार का दायरा बड़ा, सवाल और बड़े

V2 रिटेल लिमिटेड, जो देश भर के 145 शहरों में अपनी

मौजूदगी दर्ज करा चुकी है, अब इस घोटाले के बाद सवालों के घेरे में है। क्या यह चूक सिर्फ एक गलती थी या सुनियोजित तरीके से सरकारी खजाने को चपत लगाने की कोशिश? जांच के नतीजे आने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। लेकिन इतना तय है कि यह मामला न सिर्फ कंपनी की साख पर सवाल उठा रहा है, बल्कि कारोबारी नियमों की पालना पर भी बड़ी बहस छेड़ सकता है।

फिलहाल, सभी की नजर इस जांच पर टिकी है। क्या V2 रिटेल इस संकट से उबर पाएगी, या स्टांप चोरी का यह दाग इसके कारोबार पर भारी पड़ जाएगा? वक्त ही बताएगा!

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