वाराणसी, 17 अप्रैल 2025, गुरुवार। वाराणसी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने सास-ससुर और पति को कागजों में ‘मृत’ घोषित कर उनकी संपत्ति अपने नाम करा ली। इस सनसनीखेज फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद नगर आयुक्त ने सख्त कार्रवाई करते हुए तत्कालीन कर अधीक्षक मुन्ना लाल राम को निलंबित कर दिया।
मामले की तह तक जाने पर पता चला कि अर्पणा सिंह नामक महिला ने डिठोरी महाल, अर्दली बाजार स्थित भवन (एस 3/12 और 3/14) को अपने नाम कराने के लिए जौनपुर नगर पालिका से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए। उसने अपने ससुर प्रमोद कुमार सिंह, सास राजकुमारी सिंह और पति मनीष सिंह को मृत दिखाया, जबकि हकीकत में तीनों जीवित हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रमोद कुमार सिंह एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं, जो नियमित पेंशन ले रहे हैं, और मनीष सिंह एक प्रतिष्ठित कंपनी में प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
शिकायत ने खोला राज, फर्जीवाड़ा आया सामने
इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश तब हुआ, जब विनोद कुमार सिंह ने नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को शिकायती पत्र सौंपा। जांच में दस्तावेजों के फर्जी होने की पुष्टि हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त ने तत्कालीन कर अधीक्षक मुन्ना लाल राम के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। उनकी प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की गई, वेतन रोका गया और निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी गई। शासन ने इस संस्तुति को स्वीकार करते हुए मुन्ना लाल को निलंबित कर दिया। इसके अलावा, क्षेत्रीय कर निरीक्षक कुंवर विक्रम सिंह को भी पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
अर्पणा सिंह के खिलाफ एफआईआर के निर्देश
नगर आयुक्त ने अर्पणा सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इस पूरे मामले की गहन जांच के लिए अपर निदेशक ऋतु सुहास को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह मामला न केवल संपत्ति हड़पने की साजिश को उजागर करता है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही पर भी सवाल उठाता है।
वाराणसी प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से साफ है कि फर्जीवाड़े के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। यह घटना समाज में नैतिकता और विश्वास की कमी को भी दर्शाती है, जहां निजी स्वार्थ के लिए रिश्तों को भी दांव पर लगा दिया जाता है।