जनता दल यूनाईटेड (JDU) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयानों पर अपना गुस्सा उतारा है। उन्होंने कहा कि “वह कह रहे हैं कि इज्जत दी। मुझे भी शुरू में लगा कि पार्टी के संविधान से अलग जाकर मेरे लिए जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद बनाया गया है तो काम भी मिलेगा, अधिकार भी मिलेंगे। लेकिन, मिला झुनझुना।” कुशवाहा ने कहा कि मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा करने की स्थिति में भी नहीं हूं। पार्टी के संविधान में सिर्फ लाइन जोड़ दी गई कि राष्ट्रीय अध्यक्ष संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य मनोनीत करेंगे। मतलब, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष को अपने ही बोर्ड के लिए सदस्यों के मनोनयन का भी अधिकार नहीं। हद यह है कि दो साल में न तो मुझे यह अधिकार सौंपा गया और न ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बोर्ड के सदस्य ही चुनकर दिए।