नेपाल के जनकपुरधाम से अयोध्या के लिए निकली देवशिला यात्रा मंगलवार दोपहर 12 बजे बिहार में अंतिम जिले गोपालगंज से 55 किलोमीटर दूर है। जय सियाराम…जय सियाराम के नारे लगाते हुए दौड़ते लोग इसके रास्ते में पहुंच रहे हैं। जिन दो शालिग्राम शिलाओं से अयोध्या के निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर में राम परिवार को रचा जाएगा, उसे छूने-देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। रथ की तरह यह यात्रा बढ़ रही है, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ देख इसकी गति धीमी चल रही है। मंगलवार रात तक इसे उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कराने की कोशिश जारी है।
अब यह पत्थर कहां, आस्था ने भगवान बना दिया: चौपाल1989 में राम मंदिर शिलान्यास के समय पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल इस यात्रा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। राम मंदिर के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने ‘अमर उजाला’ को अपनी प्रतिक्रिया दी- “सियाराम की कृपा है कि हमारे बिना प्रचार किए ही लोग रास्ते में छह हजार करोड़ साल पुराने शालिग्राम पत्थर का दर्शन करने आ रहे हैं। यह अब पत्थर नहीं रहा, लोगों की आस्था से यह भगवान के रूप में ही अयोध्या पहुंचेंगे और वहां आकार लेंगे। सलेमगढ़ टोल के रास्ते यूपी के कुशीनगर पहुंचने में समय लग रहा है, क्योंकि रास्तें में आ गए असंख्य लोग इसे पूजने के लिए लगातार आ रहे हैं। इस आस्था को दरकिनार कर आगे नहीं बढ़ा जा सकता है।
मुजफ्फरपुर में आरती के समय हजारों लोगसोमवार रात करीब 11 बजे देवशिला ने दरभंगा के रास्ते मुजफ्फरपुर में प्रवेश किया। इस दौरान जय श्री राम के नारों से पूरा इलाका गूंजने लगा। यहां लोग शाम से ही पूजा व दर्शन करने के लिए पहुंचे हुए थे। देर रात में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। जो, जहां, जैसे पहुंच सका; पुष्प चढ़ाने का प्रयास किया। यात्रा गायघाट से कांटी पहुंची, जहां रात्रि विश्राम हुआ। मंगलवार सुबह में आरती के दौरान हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। आरती होने के बाद सुबह साढ़े 8 बजे यात्रा गोपालगंज की ओर बढ़ गई। हर जन्म में हिन्दुस्तान मिले…गीत के बीच में जय श्रीराम के जयघोष के साथ यात्रा आगे बढ़ी।
दर्शन करने वाले खुद को धन्य मान रहेभारत-नेपाल की जटही सीमा से बिहार के मधुबनी जिला में प्रवेश के साथ ही देवशिला के दर्शन-पूजन के लिए बिहार में लोग अपने-अपने इलाके से रथ यात्रा मार्ग में पहुंच रहे हैं। जगह-जगह तोरणद्वार बने हैं। जय सियाराम के जयकारे लगाते महिला-पुरुष, बच्चे-युवा और बुजुर्गों की भीड़ हर जगह मिल रही है। यात्रा मार्ग में भजन-कीर्तन भी लोग कर रहे हैं। देवशिला का दर्शन कर लोग खुद को धन्य मान रहे हैं।
नेपाल से बिहार होकर 2 को पहुंचेगी अयोध्याअयोध्या के श्रीराम मंदिर में दो फरवरी को यह शिला पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में इसकी विशेष पूजा होगी। 26 और 14 टन की इन दो शालिग्राम शिलाओं को कंटेनर में ले जाया जा रहा है, जिसे लोगों की आस्था ने देवशिला रथ का नाम दिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल इस यात्रा को लेकर बढ़ रहे हैं। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा समेत भाजपा के कई नेता यात्रा में शामिल हो चुके हैं।
नेपाल से बिहार होकर 2 को पहुंचेगी अयोध्याअयोध्या के श्रीराम मंदिर में दो फरवरी को यह शिला पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में इसकी विशेष पूजा होगी। 26 और 14 टन की इन दो शालिग्राम शिलाओं को कंटेनर में ले जाया जा रहा है, जिसे लोगों की आस्था ने देवशिला रथ का नाम दिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल इस यात्रा को लेकर बढ़ रहे हैं। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा समेत भाजपा के कई नेता यात्रा में शामिल हो चुके हैं।