साल 2023 में 140 करोड़ की आबादी पर केवल 583 मामले सामने आए जो वैश्विक मानकों के अनुसार, रोग उन्मूलन की स्थिति है। इस आधार पर केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि भारत में अब कालाजार का संक्रमण काबू में है। पिछले वर्ष बांग्लादेश कालाजार मुक्त हुआ था। बांग्लादेश के बाद भारत ऐसा करने वाला दूसरा देश बन गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते 15 साल की समीक्षा रिपोर्ट में बताया है कि 10 हजार की आबादी पर अगर मरीजों की संख्या एक से नीचे रहती है तो उस स्थिति को रोग मुक्त माना जाता है। भारत में 31 दिसंबर 2023 तक कुल 583 मामले सामने आए हैं। यह आंकड़ा वैश्विक मानक को पूरा करता है। साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल के 633 ब्लॉक में 99 फीसदी अब रोग मुक्त हैं। मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि भारत को बहुत जल्द कालाजार रोग उन्मूलन का प्रमाणपत्र हासिल होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव मांझी के मुताबिक, कई साल की लड़ाई के बाद भारत को अब सफलता मिली है। इस बीमारी से मुक्त होने के लिए साल 2014 से लगातार प्रयास किए जा रहे थे। यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल चार सर्वाधिक प्रभावित वाले राज्य हैं, जहां एक समय पहले तक हजारों लोगों की सालाना इस बीमारी से मौत हुई।
केंद्र सरकार ने साल 2023 तक रोग मुक्ति का लक्ष्य रखा जिसे 31 दिसंबर 2023 को हासिल किया गया।अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण स्त्रोत की पहचान करने और प्रसार को रोकने के लिए माइक्रो स्तर पर काम किया गया। इसका नतीजा यह रहा कि 633 स्थानिक ब्लॉक में प्रति 10 हजार पर एक से कम मामले पहुंचे हैं। भारत में 2022 से अब तक कालाजार से एक भी रोगी की मौत नहीं हुई है।