27.1 C
Delhi
Friday, May 3, 2024

इस शख्स ने गजल को अमीरों की महफिल से किया आजाद, फिर ऑटो रिक्शा से टैम्पो तक खूब बजे तराने

पंकज उधास एक ऐसे गजल गायक हैं, जो अपनी गायकी से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। 17 मई 1951 को गुजरात के राजकोट में जेटपुर में जन्मे पंकज उधास को बचपन से ही गायकी का शौक था। और, होता भी क्यों नहीं, उनके घर में माहौल ही ऐसा था कि उनकी रुचि खुद-ब-खुद संगीत की ओर बढ़ती चली गई। गजल के लिए कहा जाता था कि वो अमीरों का शौक होती हैं, लेकिन पंकज उधास वो शख्स थे जिन्होंने गजल को अमीरों की महफिल से बाहर निकालकर हर ऑटो रिक्शा तक पहुंचा दिया।
पंकज उधास

दरअसल, पंकज उधास के भाई मनहर उधास भी मशहूर पार्श्वगायक हैं। ऐसे में बचपन से ही घर में संगीत का माहौल देख कर बड़े हुए पंकज उधास ने सात साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। शुरुआत उन्होंने शौक के तौर पर की, लेकिन उनके भाई मनहर उधास ने उनके इस हुनर को पहचाना और उन्हें इसी राह पर बढ़ने की सलाह दी। इसके साथ ही मनहर उधास उन्हें अपने साथ हर कार्यक्रम में ले जाने लगे।

राजकोट की संगीत नाट्य अकादमी में तबला बजाना सीखने के बाद पंकज उधास ने परिवार के साथ मुंबई का रुख किया। मुंबई आकर उन्होंने संत जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और उसके बाद उस्ताद नवरंग जी से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी। गजल गायक बनने के लिए उन्होंने उर्द की तालीम भी हालिस की। 80 के दशक में गजल को एक नए अंदाज में पेश किया जाने लगा। गजल गायकी में एल्बम का दौर शुरू हुआ और गायकों का रुझान भी इस ओर बढ़ने लगा। यहीं वो समय था जब पंकज उधास ने अपनी गायकी से सबका मन मोह लिया।

पंकज उधास ने 1972 में फिल्म ‘कामना’ से बॉलीवुड में शुरुआत की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह कैसेट कंपनी के मालिक मीरचंदानी से मिले और उन्हें ‘आहट’ एल्बम में गाने का अवसर मिला। इस एक एल्बम से उनका गाना ‘चिट्ठी आई है’ लोगों को बहुत पसंद आया। उनकी एल्बम की कैसेट एक ऐसा माध्यम थी, जिन्होंने गजल को आम आदमी तक पहुंचने में मदद की और उनकी गलज को ऑटो रिक्शा वाले भी सुनने और पसंद करने लगे। यहीं नहीं उन्होंने कई फिल्मों में भी अपनी आवाज दी है, जिनमें ‘बहार आने तक’, ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’, ‘थानेदार’, ‘साजन’, ‘मोहरा’, ‘गंगा जमुना सरस्वती’ जैसी कई फिल्में शामिल हैं।

anita
anita
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles