उत्तर प्रदेश में वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 1024 है। पिछले 24 घंटों में 70 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 129 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 202 लोग कोरोना मुक्त भी हुए। बुंदेलखंड में भी नए केस मिल रहे हैं। सीएम योगी ने टीम 09 की बैठक में अधिकारियों से कहा कि अधिक पॉजिटिविटी दर वाले जिलों में सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाने की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू की जाए। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा। हमें पूरी सावधानी और सतर्कता बरतनी होगी।
कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति संतोषप्रद है। किंतु बच्चों के टीकाकरण को और तेज करने की आवश्यकता है। 32 करोड़ 09 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही 18 प्लस आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 90% से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है।
12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में बड़ी संख्या अभी टीकाकवर नहीं ले सके हैं। इसे तेज करने की जरूरत है। 18 प्लस आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी की अपेक्षा है। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी नागरिक टीकाकवर से वंचित न रहे। बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केंद्रों के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए।
सीएम योगी ने कहा कि पावन ‘बड़ा मंगल’ के दृष्टिगत स्वच्छता, पेयजल आदि की आवश्यक व्यवस्था कराई जाए। लोगों की धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धार्मिक आयोजनों से सड़क यातायात बाधित न हो। धार्मिक कार्य निर्धारित स्थलों पर ही किया जाना चाहिए।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण अंतिम चरण में है। इसे जून अंत तक पूर्ण करा लिया जाए। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण में तेजी की अपेक्षा है।
आकांक्षात्मक जनपदों में उत्तर प्रदेश के सभी आठ जिलों ने विकास के विविध मानकों पर सराहनीय कार्य किया है। नीति आयोग ने भी विभिन्न जनपदों के प्रयासों को सराहा है। प्रदेश के सभी आकांक्षात्मक जिलों की अब तक की प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें। इसी प्रकार, 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों की कार्रवाई की जानी चाहिए।
प्रदेश सरकार की भावी कार्ययोजना के सम्बंध में विगत दिनों मंत्रिपरिषद के समक्ष सेक्टरवार प्रस्तुतिकरण हो चुका है। सभी 10 सेक्टरों के लिए 10 वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त कर कार्ययोजना के क्रियान्वयन व प्रगति की सतत मॉनीटरिंग की जाए।
सड़क सुरक्षा के व्यापक महत्व को देखते हुए पुलिस, यातायात, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवहन, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी आदि संबंधित विभागों के परस्पर समन्वय के साथ जागरूकता अभियान की कार्ययोजना तैयार की जाए। 18 मई को इस कार्ययोजना के साथ प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ संवाद होगा, जिसके उपरांत सड़क सुरक्षा अभियान प्रारंभ होगा।
बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दी जानी चाहिए। यातायात नियमों के संबंध में प्रधानाचार्यों/प्राचार्यों/विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए। अभिभावकों के साथ भी विद्यालयों में बैठक हो। स्कूली बच्चों द्वारा जागरूकता विषयक प्रभात फेरी निकाली जानी चाहिए। लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए पालन करने के लिए जागरूक किया जाए।