त्यौहारी सीजन में देश के कुछ राज्यों में अचानक से बढ़े कोरोना वायरस के मामलों ने एक बार फिर से दहशत बढ़ा दी है। जिन राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं, उनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है और हालात को देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार से उचित कदम उठाने के लिए कहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए साउथ 24 परगना जिले के सोनारपुर नगर पालिका क्षेत्र में तीन दिन के लिए लॉकडाउन लगा दिया है।
आपको बता दें कि सोनारपुर नगर पालिका, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर है। हाल के दिनों में सोनारपुर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिसे देखते हुए 28 अक्टूबर से तीन दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है।
सोनारपुर में अभी तक 19 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। राज्य सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा कि सोनारपुर के सभी 35 वार्डों में तीन दिनों के दौरान केवल इमरजेंसी और आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानें और बाजार बंद रहेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को ही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक चिट्ठी लिखी थी और इसमें दुर्गा पूजा के बाद राज्य में अचानक बढ़े कोरोना वायरस के मामलों पर चिंता जताई गई थी। चिट्ठी में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद राजधानी कोलकाता में कोरोना वायरस के मामलों में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले 24 घंटों के दौरान ही कोलकाता में कोरोना वायरस के 248 नए मरीज मिले हैं, जबिक 6 लोगों की जान गई है।
वहीं, सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले उन लोगों के हैं, जो वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। सीएम ममता ने कहा, ‘वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी लोगों की इम्युनिटी छह महीने से ज्यादा नहीं रह पा रही।
मैं राज्य के स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि इस मामले को लेकर वो केंद्र के अधिकारियों के साथ बात करें और इसका कारण पता लगाएं। ऐसा नहीं है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद संक्रमित हुए लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो रही है, लेकिन उनकी इम्युनिटी क्यों घट रही है? ऐसे कोई एक-दो मामले नहीं हैं, बल्कि बड़ी संख्या में वो लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, जिनका संपूर्ण टीकाकरण हो चुका है।’