पहले डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने कानपुर और कन्नौज के कंपाउंड कारोबारी के अलावा पान मसाला कारोबारी के यहां छापा मारा था। इसमें टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी। इस बीच, इत्र कारोबारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग के देशव्यापी छापों से पान मसाला और इत्र कारोबारियों में हड़कंप मचा है। सूत्रों के अनुसार, शहर के तमाम पान मसाला और इत्र कारोबारी टैक्स से जुड़े विभागों के रडार पर हैं। पहले पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित आवास पर डीजीजीआई का छापा और अब पंपी जैन के बहनोई और इत्र कारोबारी डॉ. अनूप जैन के यहां आयकर का छापा पड़ने से यह मोहल्ला एक बार फिर सुर्खियों में है। सूत्रों के अनुसार, यहां पर सात से आठ घरों में बड़े पैमाने पर हवाला का काम भी लंबे समय से चल रहा है। ऐसे में यहां पर फिर से हवाला कारोबारियों के यहां छापा पड़ सकता है
पंपी जैन के यहां कार्रवाई में 175 से ज्यादा आयकर अफसर और कर्मचारी शामिल हैं। देशव्यापी छापे में इनके सहयोग के लिए आठ कंपनी पीएसी की मदद ली जा रही है। एक कंपनी में 100 जवान शामिल होते हैं। इतनी बड़ी संख्या में आज तक पीएसी नहीं लगाई गई थी।सपा एमएलसी और इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पंपी रिश्वतखोरी के एक मामले में भी चर्चा में आए थे। वर्ष 2018 में एक साबुन कारोबारी की शिकायत पर सीबीआई ने तत्कालीन सीजीएसटी कमिश्नर संसार चंद को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद अफसर को महंगे उपहार और नकदी देने वाले लोगों की जांच-पड़ताल हुई थी। इसमें इस्पात और पान मसाला कारोबारियों के साथ इत्र कारोबारी पंपी जैन का भी नाम सामने आया था।
22 दिसंबर को डीजीजीआई ने शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप अग्रवाल, इत्र कारोबारी पीयूष जैन और ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन के यहां छापा मारा था। इसके बाद से ही आयकर विभाग में हलचल तेज हो गई थी। अफसर देररात तक कार्यालय में रुककर जांच-पड़ताल में जुटे थे।
एक्सप्रेस रोड स्थित प्रगति अरोमा पर सुबह ही आयकर के अफसर जांच करने पहुंच गए थे, लेकिन प्रतिष्ठान पर किसी कर्मचारी के न मिलने पर टीम बाहर ही खड़ी रही। काफी देर बाद ताले खोले गए, तब अफसरों ने जांच-पड़ताल शुरू की।