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Friday, May 17, 2024

केंद्रीय बजट में यूपी की कई योजनाओं की छाप दिखी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट में यूपी की कई योजनाओं की छाप दिखी। केंद्र सरकार ने कई ऐसी योजनाएं घोषित की हैं, जो किसी न किसी रूप से प्रदेश में पहले से ही लागू हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय मदद मिलने से इन योजनाओं को तेज रफ्तार मिल सकेगी।

राज्य सरकार की ओर से मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू करने की पहल पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है। केंद्रीय बजट में मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के एलान से राज्य सरकार की मुहिम को बड़ा बल मिला है।

वर्तमान में प्रदेश के 22 मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू की गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस मॉडल में देखा गया कि मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए करीब 250 से 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यदि 40 करोड़ और खर्च कर दिए जाएं तो मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज साथ-साथ चल सकते हैं। एक एकड़ में नर्सिंग कॉलेज और हॉस्टल की व्यवस्था की जा सकती है। अब तक जिन कॉलेजों में इस मॉडल को अपनाया गया, वहां फायदा मिला है। इससे एक ही छत के नीचे चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ तैयार हो रहे हैं।केंद्रीय बजट में 2014 के बाद खुले 157 मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू करने का कदम ऐतिहासिक है। सर्वाधिक जनसंख्या वाले यूपी की कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज उसके हिस्से में आएं। प्रदेश में इस मॉडल को पहले ही अपनाया जा चुका है। अन्य कॉलेजों के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है।

केंद्र सरकार ने यूपी के आकांक्षी विकासखंड के मॉडल को देश भर में लागू करने की घोषणा की है। बजट में प्रत्येक प्रदेश में आकांक्षी विकासखंडों तक शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, परिवहन, रोजगार और कौशल विकास की सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया गया है। इस घोषणा से यूपी के आठ आकांक्षात्मक जिलों के विकास को और रफ्तार मिल सकेगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2017-18 में देश में मूलभूत सुविधाओं और विकास की दृष्टि से पिछड़े 115 जिलों को आकांक्षी जिले घोषित किया था। इसमें यूपी के बलरामपुर, श्रावस्ती, सोनभद्र, चित्रकूट, फतेहपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर और चंदौली भी शामिल हैं। राष्ट्रीय नीति आयोग के निर्धारित मानकों के अनुसार इन जिलों में विकास परियोजनाएं और कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। इसी तरह प्रदेश सरकार ने पिछड़े 100 विकासखंडों को भी आकांक्षी घोषित किया है। ओडीओपी भी देशभर में लागू यूपी में 2017-18 में लागू की गई ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना को भी देशभर में लागू किया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक जिले के एक परंपरागत उद्योग से जुड़े उत्पाद को उस जिले की पहचान बनाकर देश-विदेश में ब्रांडिंग की जाएगी। केंद्र सरकार ने पिछले बजट में राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना पर फोकस किया था। इस बजट में भी वित्तमंत्री ने सभी प्रदेशों में उनसे संबंधित उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रत्येक राज्य की राजधानी या प्रमुख पर्यटन केंद्र पर ओडीओपी मॉल बनाने की घोषणा की है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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