20.1 C
Delhi
Thursday, March 13, 2025

सुप्रीम कोर्ट की मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को फटकार: महिला जज की बर्खास्तगी पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, 5 दिसंबर 2024, गुरुवार। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को एक महिला जज को बर्खास्त करने के लिए फटकार लगाई है। महिला जज को गर्भ गिरने के कारण प्रदर्शन के आधार पर बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर सवाल उठाया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से पूछा है कि अगर पुरुषों को भी मासिक धर्म से गुजरना पड़े तो क्या हो? सुप्रीम कोर्ट ने दीवानी जजों की बर्खास्तगी के आधार के बारे में हाई कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है।
जस्टिस नागरत्ना की तीखी टिप्पणी: “काश पुरुषों को भी मासिक धर्म होता”
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि महिलाओं को गर्भ गिरने के कारण मानसिक और शारीरिक आघात झेलना पड़ता है, और यह मानदंड पुरुष न्यायाधीशों पर भी लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर पुरुषों को मासिक धर्म होता, तो वे इससे संबंधित दुश्वारियों का पता चलता। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से पूछा है कि क्या उन्होंने महिला जज के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखा था जब उन्हें बर्खास्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को एक महीने के भीतर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है।
न्यायपालिका में महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने छह महिला दीवानी न्यायाधीशों को कथित असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण बर्खास्त कर दिया था। इन महिला न्यायाधीशों में से चार – ज्योति वरकड़े, सुश्री सोनाक्षी जोशी, सुश्री प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने एक अगस्त को पुनर्विचार करते हुए कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का फैसला किया था। हालांकि, अन्य दो अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को राहत नहीं दी गई थी।
इन महिला न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी बर्खास्तगी संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा है कि यदि कार्य मूल्यांकन में उनके मातृत्व और शिशु देखभाल अवकाश की अवधि को शामिल किया गया तो यह उनके साथ घोर अन्याय होगा। सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने कहा है कि अगर पुरुषों को भी मासिक धर्म से गुजरना पड़े तो क्या हो। उन्होंने कहा कि महिला गर्भवती हुई और उसका गर्भ गिर गया। गर्भ गिरने के दौरान महिला को मानसिक और शारीरिक आघात झेलना पड़ता है।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »