शरीर को स्वस्थ रखने में वैसे तो सभी अंगों की अपना-अपना योगदान है पर लिवर की भूमिका कई मामलों में बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। हमारे पेट और आंतों से निकलने वाला सारा रक्त लिवर से होकर ही गुजरता है। लिवर इस रक्त को संसाधित करता है, इसका ब्रेकडाउन करता है और पोषक तत्वों को एकत्रित करता है। इतना ही नहीं ये कई प्रकार के आवश्यक हार्मोन्स और पित्त का भी निर्माण करता है जो शरीर के ठीक से कार्य करते रहने के लिए आवश्यक है।
हालांकि वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो लिवर से संबंधित बीमारियों का खतरा काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। लिवर की गंभीर बीमारी जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस अंग की सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह देते हैं।
जिन चीजों से लिवर को सबसे ज्यादा नुकसान होने का खतरा देखा जाता रहा है-अल्कोहल उनमें प्रमुख है। हालांकि विशेषज्ञों ने अल्कोहल की ही तरह लिवर के लिए हानिकारक एक और चीज के सेवन को लेकर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
अल्कोहल की तरह ही खतरनाक है चीनी
तमाम अध्ययनों में शराब से लिवर को होने वाली समस्याओं के बारे में अलर्ट किया जाता रहा है। शराब का अधिक सेवन लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी दिक्कतों का भी कारण बन सकती है। अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि शराब की ही तरह चीनी का अधिक सेवन करने वाले लोगों में भी लिवर की गंभीर बीमारियों के विकसित होने का खतरा देखा जा रहा है।
चीनी को हृदय रोग, मेटाबोलिक सिंड्रोम, फैटी लिवर डिजीज और मोटापे के बढ़ते जोखिमों का कारक माना जाता रहा है, इससे लिवर से संबंधित गंभीर और जानलेवा बीमारियों का भी बढ़ जाता है।
चीनी से अग्न्याशय और लिवर को नुकसान
नेचर जर्नल में प्रकाशित इसी से संबंधित एक लेख में वैज्ञानिकों ने बताया कि अधिक मात्रा में या दिन में बार-बार चीनी का सेवन उसी तरह से लिवर को क्षति पहुंचाती है जैसा शराब के कारण देखा जाता रहा है। विशेष रूप से फ्रुक्टोज शुगर के कारण इंसुलिन प्रतिरोध, डिस्लिपिडेमिया (ट्राइग्लिसराइड की अधिकता), हाइपरटेंशन का जोखिम बढ़ जाता है, जो लिवर के लिए भी हानिकारक है।
शोधकर्ता कहते हैं, समय के साथ, अधिक मात्रा में चीनी का सेवन पूरे शरीर के लिए दिक्कतें पैदा कर सकती है। इससे अग्न्याशय और लिवर सहित महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचता देखा जा रहा है।
क्या कहते हैं अध्ययनकर्ता?
अध्ययनकर्ता कहते हैं, हमारा लिवर वैसे तो फ्रुक्टोज का मेटाबॉलिज्म कर लेता है हालांकि इसकी अधिकता के कारण इस अंग पर अतिरिक्त दबाव बढ़ जाता है। इस स्थिति में लिवर, अतिरिक्त फ्रुक्टोज को वसा में बदलने लगती है जो लिवर में जमा होती जाती है और रक्तप्रवाह में भी मिल सकती है। लिवर में फैट की मात्रा बढ़ने से इसका कार्य प्रभावित होने लगता है जो समय के साथ लिवर से संबधित गंभीर बीमारियों का कारण बनती है।
बढ़ रही है फैटी लिवर की दिक्कत
इसी से संबंधित जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित साल 2016 के एक पेपर में वैज्ञानिकों ने ये समझने की कोशिश की कि किन चीजों के कारण लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो सकता है? इसमें पाया गया कि हाई फ्रुक्टोज डाइट इसका प्रमुख कारण हैं और ऐसे लोगों में फैटी लिवर और नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या का खतरा भी अधिक देखा जाता रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हमें शराब और चीनी दोनों की मात्रा को कम करना चाहिए। फ्रुक्टोज के कारण मेटाबॉलिज्म पर उसी तरह से नकारात्मक असर होने का खतरा देखा गया है जैसा शराब पीने से इथेनॉल के कारण होता है।
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