मेधावी छात्र सम्मान समारोह में सीएम के हाथों सम्मान पाकर छात्र तो अभिभूत हो ही गए पर उनके साथ उनके अभिभावक भी भावुक हो उठे। मेधावियों के चेहरे खिल उठे। उम्मीदों का नया सूरज मानों आसमान में खिल उठा जिसकी चमक इन छात्र-छात्राओं की आंखों में साफ नजर आई। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेधावियों का सम्मान किया तो इस सभागार में माहौल पूरी तरह से बदल गया।
मेधावियों का सम्मान कार्यक्रम गुरुवार को था पर अधिकतर मेधावी अपने परिवार के सदस्यों के साथ बुधवार की शाम को ही राजधानी पहुंच चुके थे। खचाखच भरे सभागार में प्रदेश भर से आए टॉपर्स इस सम्मान को पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। करते भी भला क्यों न ? माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी स्वयं उन्हें मंच से आशीर्वाद दे रही थीं।
शिक्षिका रह चुकी गुलाब देवी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में सम्मान पाकर विद्यार्थी नया मुकाम हासिल करते हैं। इनमें से कोई वकील बनेगा तो कोई चिकित्सक, कोई इंजीनियर तो कोई सीएम। उन्होंने ठीक एक शिक्षिका की ही मानिंद बच्चों को न केवल सीख दी बल्कि आशीर्वचन भी दिए। इसी तरह से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
यह अनुभव छात्र-छात्राओं के लिए एकदम नया था। अमर उजाला जिलों में पहले ही इन विद्यार्थियों का सम्मान कर चुका था पर राजधानी में इस तरह के भव्य आयोजन में सम्मान पाकर सभी टॉपर्स की आंखें चमक उठी। उनके अभिभावकों ने भी कहा कि इस तरह के आयोजन ही टॉपर्स के लिए मार्गदर्शक का काम करते हैं। न केवल इन छात्रों के लिए बल्कि अन्य छात्राें के लिए भी एक संदेश देते हैं कि वे आगे बढ़ेंगे तो उनका भी सम्मान होगा।
छात्रों ने कहा कि सीएम से मिलना उनका सम्मान था और अमर उजाला ने न केवल यह मौका दिया बल्कि उनके हाथों सम्मान दिलवाकर उनका सपना साकार किया। खास तौर से जब सीएम ने परीक्षाओं में बेटियों के आगे आने की बात कही तो सभागार में मौजूद बेटियों के लिए हाल तालियों से गूंज उठा।
मुख्यमंत्री से सम्मानित हो खिल उठे मेधावियों के चेहरे
अपने शहर व परिवार का नाम रोशन करने वाले मेधावियों केमन में जहां मुख्यमंत्री से मिलकर उनके हाथों मंच पर अलंकृत होने के अनुभव को लेकर अकुलाहट थी, जिसका वे बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वहीं उनकेअभिभावकों में उस पल को कैमरे में कैद करने व आंखों में बसा लेने की व्याकुलता थी। सम्मान पाकर मेधावियों के चेहरे खिल उठे तो उनके अभिभावक उस पल को लेकर अभिभूत हो गए। उनकी आंखें नम सी हो गईं और खुशी में तालियों की तड़तड़ाहट से हॉल गूंज उठा।