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Friday, June 20, 2025

गर्मियों में पेयजल संकट का समाधान: सचिव के सख्त निर्देश

देहरादून, 20 मार्च 2025, गुरुवार। गर्मियों का मौसम आते ही पेयजल की समस्या एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आती है। इस बार इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए पेयजल सचिव शैलेश बगौली ने विभागीय अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में जल संस्थान और पेयजल निगम के अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिसमें गर्मियों में पानी की किल्लत से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने पर चर्चा हुई।
हर जिले में कंट्रोल रूम की शुरुआत
सचिव ने साफ निर्देश दिए कि हर जिले में पेयजल से जुड़ी समस्याओं जैसे उपलब्धता, लीकेज और अन्य शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जाए। यह कंट्रोल रूम एक कॉल सेंटर की तरह काम करेगा, जहां जल संस्थान या जल निगम के सहायक अभियंता को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि शिकायतों का समाधान समय पर हो, ताकि लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े।
टैंकरों में जीपीएस और साफ-सफाई का जोर
पानी के टैंकरों को लेकर भी सख्ती दिखाते हुए सचिव ने कहा कि हर टैंकर की नियमित सफाई जरूरी है और इनमें जीपीएस सिस्टम लगाया जाए। इससे पानी की आपूर्ति पर नजर रखी जा सकेगी और यह सुनिश्चित होगा कि जरूरतमंद इलाकों तक पानी समय पर पहुंचे। साथ ही, हर डिवीजन में पर्याप्त टैंकरों की व्यवस्था पहले से करने के भी निर्देश दिए गए।
जल अपव्यय और लीकेज पर लगाम का अभियान
पानी की बर्बादी और पाइपलाइनों में रिसाव की समस्या से निपटने के लिए 1 अप्रैल से 15 दिनों का एक विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस दौरान लीकेज को ठीक करने और जल अपव्यय को रोकने पर खास ध्यान दिया जाएगा। इस अभियान की लगातार निगरानी भी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योजना कागजों तक सीमित न रह जाए।
चारधाम यात्रा के लिए खास तैयारी
आने वाली चारधाम यात्रा को देखते हुए भी पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने की योजना है। यात्रा मार्ग पर चलित स्टैंड पोस्ट, पानी की टंकियों और वाटर एटीएम की नियमित सफाई की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल सके। सचिव का मकसद है कि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो और उनकी सेहत से कोई समझौता न हो। यह कदम न सिर्फ गर्मियों में पेयजल संकट से राहत दिलाने में मदद करेंगे, बल्कि पानी के प्रबंधन को भी बेहतर बनाएंगे। अब देखना यह है कि इन निर्देशों को धरातल पर कितनी तेजी और प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है।

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