मजबूरी बताकर जिस नौकर ने कारोबारी दिलीप गुप्ता से नौकरी पाई थी, उसी ने लूट के लिए उनकी हत्या कर दी। मालकिन लता को डराकर अलमारी की चाबी मांगने के लिए दूसरी मंजिल पर पहुंच गया। न डरने और चाबी देने से मना कर देने पर उन पर भी हमलावर हुआ। पर, लता ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार शोर मचाकर न केवल अपनी जान बचाई बल्कि बदमाशों को भागने पर मजबूर कर दिया। हालांकि बदमाश नकदी व जेवरात समेट ले गए।
कारोबारी के बेटे सुमित ने पुलिस को बताया कि वारदात में शामिल नौकर लोकेश ताजगंज क्षेत्र का रहने वाला है। 4 साल पहले नौकरी करने आया था। उसने अपनी मजबूरी बताई थी, तब पिता ने दरियादिली दिखाते हुए उसे काम पर रख लिया।
उसके काम को देखकर कभी कभार घर भी बुला लिया जाता था। घर आने-जाने के कारण उसे पता चल गया था कि मां लता घर में अकेली रहती हैं। लोकेश कई बार नौकरी भी छोड़कर जा चुका था। वापस आकर काम करने लगता था। इससे काम पर रख लेते थे। 3 महीने पहले भी नौकरी छोड़कर चला गया था। 2 दिन पहले फिर से दुकान पर आया। काम मांगा। पिता ने मजबूरी बताने पर काम पर रख लिया। सोमवार को काम पर नहीं आया। सुबह 10 बजे छोटे भाई रजत को कॉल किया था। काम पर आने की कह रहा था। मगर, आया नहीं।
जानबूझकर चुना दोपहर का समय
सुमित ने बताया कि पिता भी रोजाना दुकान पर बैैठा करते थे। मगर, सोमवार दोपहर को अचानक घर आ गए थे। पुलिस का अनुमान है कि नौकर ने पहले रेकी की। उसे उम्मीद थी कि कारोबारी दुकान पर होंगे। घर में मालकिन अकेली मिल जाएंगी। वारदात के लिए दोपहर का समय चुना। मगर, कारोबारी घर में ही मिल गए। इस पर उनकी हत्या कर दी। बाद में मालकिन से जेवरात लूटने के लिए नौकर दूसरी मंजिल पर गया था। उसे लग रहा था कि मालकिन बदमाशों के बारे में सुनकर डर जाएंगी।
भिड़ गईं मालकिन
आराम से जेवरात निकालकर दे देंगी। मगर, ऐसा नहीं हुआ। वह शोर मचाने लगीं। इस पर उसने उन पर भी हमला बोल दिया। लहूलुहान कर दिया। मगर, उन्होंने अपना बचाव किया। बदमाशों से भिड़ गईं। मगर, अकेली होने के कारण ज्यादा कुछ नहीं कर सकीं। बाद में बदमाशों ने घर खंगाल डाला। इसके बाद भाग गए।