नई दिल्ली, 15 मार्च 2025, शनिवार। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां ईसाई बने 68 परिवार के 200 लोगों ने पूज्यपाद जगद्गुरु पितामह स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज के हाथों से गंगाजल का पान किया और सनातन धर्म में घर वापसी की।
यह कार्यक्रम जगद्गुरु पितामह स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज की दस दिवसीय यात्रा के दौरान आयोजित किया गया था। इस दौरान, उन्होंने ग्राम पार्लिपोस स्थित विश्व कल्याण आश्रम में 56वें निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया।
पूज्यपाद जगद्गुरु ने सनातन धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो सिदिः”। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म हमारी जड़ों और परंपराओं का प्रतीक है, और हमें इसे बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों ने कहा कि वे पूज्यपाद जगद्गुरु के हाथों से गंगाजल का पान करने और सनातन धर्म में घर वापसी करने पर बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि यह एक नई शुरुआत है और वे अपने जीवन में सनातन धर्म के सिद्धांतों को अपनाने के लिए तैयार हैं।