राजस्व विभाग के कार्यालय से सात गांवों में 15 साल पहले बंटे मुआवजे का रिकॉर्ड चोरी होने का मामला सामने आया है। नायब तहसीलदार की शिकायत पर सिटी थाना पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात के खिलाफ धारा 380 के तहत केस दर्ज कर लिया है। रिकॉर्ड चोरी का खुलासा एक व्यक्ति आरटीआई में मुआवजा वितरण संबंधी रिकॉर्ड मांगने पर हुआ। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है
पुलिस को दी शिकायत में नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार ने बताया कि तहसील कार्यालय के ऑफिस कानूनगो रिकार्ड रूम में वर्ष 2007 में ओलावृष्टि के बांटे गए मुआवजा का रिकॉर्ड रखा था, जिसकी एफआर और मास्टर कॉपी नहीं मिली है। ये जरूरी दस्तावेज चोरी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह मामला तब संज्ञान में आया, जब एक व्यक्ति ने आरटीआई के तहत सूचना मांगी। उक्त व्यक्ति ने सूचना आयुक्त चंडीगढ़ को अपील भेजी। इस पर संज्ञान लेते हुए सूचना आयुक्त ने कार्यालय में रिकॉर्ड की तलाश करने के आदेश दिए थे, लेकिनरिकॉर्ड वहां नहीं मिला।
इन गांवों का रिकॉर्ड है गायब
जिन सात गांवों के मुआवजा वितरण का रिकॉर्ड कार्यालय से गायब है उनमें फतेहगढ़, मिसरी, साहुवास, चरखी, पैंतावास कलां, अखत्यापुरा और मानकवास शामिल है।